बीते मार्च की घटना में एक ट्रेन में टीटीई ने महिला यात्री की बर्थ के पास पेशाब कर दी थी, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया था और मामला कोर्ट में जा पहुंचा था। जिसके बाद आरोपी टीटीई ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। अब इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए आरोपी टीटीई को गिरफ्तारी से पहले सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह जिस पेशे में है, उसमें ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
इस मामले में न्यायमूर्ति भारती एच डांगरे की एकल पीठ निलंबित टीटीई मुनेश चंद मीणा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने टीटीई को गिरफ्तारी से पहले जमानत इस शर्त पर दी है कि वह रेलवे को 25,000 रुपये जुर्माने को तौर पर देगा और इस धनराशि का इस्तेमाल ठाणे जिले के कर्जत रेलवे स्टेशन पर वाटर कूलर लगाने के लिए किया जाए।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि रेलवे के संरक्षक के तौर पर आपसे ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती है। न्यायाधीश ने कहा कि बतौर टिकट चेकर/रेलवे के संरक्षक के रूप में आपका अपराध अक्षम्य है। इस मामले में यह भी समय आया था कि टीटीई नशे की हालत में था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, एक महिला यात्री 7 मार्च को हजरत निजामुद्दीन-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी।
यात्रा के दौरान ट्रेन जब पुणे की ओर बढ़ रही थी तभी उसने अपनी बर्थ के पास पानी टपकने जैसी आवाज सुनी। उसने उठकर देखा तो वहां एक शख्स पेशाब कर रहा था। महिला के विरोध के बाद उसके साथी यात्रियों ने देखा कि अमुक शख्स अपने पैंट की जिप को बंद कर रहा था। इस पूरी घटना को एक यात्री ने वीडियो में रिकॉर्ड कर लिया था और फिर कर्जत रेलवे पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जांच में सामने आया था कि वह शख्स टिकट चेकर था। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डांगरे ने वीडियो साक्ष्य देखते हुए कहा कि आरोपी पहले ही निलंबित है और विभागीय जांच चल रही है। ऐसे में हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है।