मुंबई की साकी नाका पुलिस ने तीन ऐसे बांग्लादेशियों को पकड़ा है, जो कथित रूप से आठ साल पहले पश्चिम बंगाल की सीमा से भारत में प्रवेश कर गए थे और मुंबई में रह रहे हैं। इन लोगों ने खुद को भारतीय बताया लेकिन पुलिस ने उन्हें आईएमओ (IMO) पर इंटरनेट काल्स करके बांग्लादेश में अपने परिवार से बात करते हुए देखा। पुलिस ने इस ऐप के जरिए उनके परिवार से संपर्क साधा और उनके जन्म प्रमाणपत्र मांगे।

मुंबई की साकी नाका पुलिस ने किया था गिरफ्तार: इनके नाम मुनीर शेख (44), सैफूल मुस्लिम (27) और अब्दुल हलीम (32) हैं। मुनीर शेख और सैफूल मुस्लिम मुंबई में वेल्डिंग का काम करते हैं, जबकि हलीम फल बेचता है। डीसीपी (ज़ोन एक्स) अंकित गोयल के निर्देशन में मुखबिर की सूचना पर बुधवार रात साकी नाका पुलिस के एंटी-टेररिस्ट सेल (एटीसी) ने तीनों को गिरफ़्तार किया है।

Hindi News Live Hindi Samachar 17 January 2020: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

पूछताछ में नहीं दे पाए कोई जवाब: वरिष्ठ निरीक्षक किशोर सावंत ने कहा कि “असामाजिक तत्वों और संदिग्ध लोगों के खिलाफ अभियान के दौरान तीनों को गिरफ्तार किया गया है। टीम का नेतृत्व एटीसी अधिकारी हनुमंत धवन ने किया। पकड़े गए लोगों ने दावा किया कि वे भारतीय हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब देने या आईडी पेश करने में नाकाम रहे। यह पता लगाया जा रहा है कि वे भारत में कैसे दाखिल हुए।” टीम को उनके मोबाइल कॉल रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं मिला लेकिन ऐप की जांच करने पर, उन्होंने पाया कि वे IMO का उपयोग अपने देश में बातचीत करने में कर रहे थे। जांचकर्ताओं ने कहा कि ऐप के जरिए वीडियो कॉल पर नजर नहीं रखी जा सकती है।

19 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजे गए: भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और विदेश अधिनियम के तहत बुक किए गए तीनों लोगों को गुरुवार को अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और 19 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। एक साइबर विशेषज्ञ ने नाम नहीं छापने के अनुरोध के साथ बताया कि “पुलिस आमतौर पर कॉल डेटा रिकॉर्ड या व्हाट्सएप की जांच करती है। अगर वे इस तरह के टूल्स के बारे में अनजान हैं, तो नंबर को ट्रैक करना मुश्किल होगा।”