Constable Amandeep Kaur: पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने सोमवार को एक वरिष्ठ पुलिस कांस्टेबल अमनदीप कौर की गिरफ्तारी की घोषणा की, जिन्हें उनके पास से हेरोइन जब्त होने के बाद गिरफ्तार गया था। दरअसल, शानदार लाइफस्टाइल जीने वाली अमनदीप पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का शक था। इसी मामले में जब जांच की गई तो ड्रग्स तस्करी में उनकी संलिप्तता सामने आई। ऐसे में उन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था और बाद में सस्पेंड भी कर दिया गया है।

वैध आय से लगभग 29 प्रतिशत अधिक कमाई

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि अमनदीप कौर की 2018 और 2025 के बीच कुल आय 1,08,37,550 रुपये थी, जबकि उसका खर्च 1,39,64,802.97 रुपये था, जो उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से 31,27,252.97 रुपये अधिक है, या उसकी वैध आय से 28.85 प्रतिशत अधिक है।

रिपोर्ट के अनुसार जांच के बाद बठिंडा रेंज के वीबी पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें उसके वेतन, बैंक खातों और ऋण रिकॉर्ड के साथ-साथ उसकी चल और अचल संपत्तियों के विवरण की जांच की गई। मामले में आगे की जांच चल रही है।

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अमनदीप कौर को इससे पहले 2 अप्रैल को पंजाब के युद्ध नशे विरुद्ध (ड्रग्स के खिलाफ युद्ध) अभियान के तहत नियमित जांच के दौरान बठिंडा में उनकी महिंद्रा थार एसयूवी में 17.71 ग्राम हेरोइन बरामद होने के साथ गिरफ्तार किया गया था।

इस कार्रवाई के अगले दिन उन्हें संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में शामिल होने और वर्दी में सोशल मीडिया सामग्री पोस्ट करके विभागीय नियमों का उल्लंघन करने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं अमनदीप

“इंस्टाग्राम क्वीन” या “थार वाली कांस्टेबल” के रूप में जानी जाने वाली अमनदीप के इंस्टाग्राम पर 30,000 से अधिक फॉलोअर्स थे (हैंडल “पुलिस_कौरदीप” के तहत), जहां उन्होंने अपनी शानदार लाइफस्टाइल का प्रदर्शन किया, जिसमें महिंद्रा थार, ऑडी, इनोवा कार और रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल जैसी लग्जरी गाड़ियां; हाई-एंड राडो और रोलेक्स घड़ियां; गुच्ची सन ग्लासेज; और लगभग 2 करोड़ रुपये का घर शामिल है।

उनके सोशल मीडिया पोस्ट, जिनमें अक्सर विवादास्पद बोल वाले पंजाबी गाने होते थे, पंजाब पुलिस के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते थे, जो अधिकारियों को वर्दी में रील शेयर करने से रोकते थे।

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बठिंडा के चक फतेह सिंह वाला गांव के एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाली अमनदीप 2011 में पुलिस में भर्ती हुई थीं। अपने परिवार की मामूली परिस्थितियों (उनके पिता राजमिस्त्री हैं और भाई एक निजी फर्म में काम करते हैं) के बावजूद, वह कथित तौर पर बठिंडा की एक पॉश कॉलोनी में रहती थीं और एक शानदार जीवन जीती थीं, जिससे उनकी आय के स्रोतों पर संदेह पैदा हुआ।

विशेष अदालत ने अमनदीप को दे दी थी जमानत

गौरतलब है कि 1 मई को, बठिंडा में नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने अमनदीप कौर को जमानत दे दी थी। अदालत ने कहा कि 17.71 ग्राम हेरोइन गैर-वाणिज्यिक श्रेणी में आती है और अमनदीप को बिना किसी अतिरिक्त आरोप के कई दिनों तक हिरासत में रखा गया था।

अमनदीप को 50,000 रुपये के जमानत बांड पर रिहा कर दिया गया। उनके वकील विश्वदीप सिंह ने तर्क दिया कि उनके पास से सीधे कोई हेरोइन जब्त नहीं की गई थी और उन्हें झूठा फंसाया गया था। पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और खुफिया ब्यूरो द्वारा पूछताछ के बावजूद, कोई और खुलासा सार्वजनिक नहीं किया गया।