कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या का मामला गर्माता जा रहा है। ठेकेदार की मौत मामले में जांच और मंत्री पर एक्शन की मांग को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया। बता दें कि कर्नाटक में एक ठेकेदार की मौत को लेकर राज्य के मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत पर कांग्रेस के विरोध पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने हमला बोला है। सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस को विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की गंगोत्री है। पोस्टमॉर्टम कल किया गया था और अब प्रारंभिक जांच (रिपोर्ट) आएगी और उसके आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।

वहीं, ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक के सीएम अपने भ्रष्ट मंत्री को बचाना चाहते हैं। मुझे लगता है कि वह भी इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। अगर वह भाजपा और अपनी सरकार का चेहरा बचाना चाहते हैं, तो तुरंत के.एस. ईश्वरप्पा को गिरफ्तार करें और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करें।

कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार पर आगाह करने के लिए खत लिखने वाले बीजेपी समर्थक व पेशे से ठेकेदार संतोष पाटिल ने खुदकुशी कर ली थी। उडुपी में आत्महत्या करने वाले भाजपा समर्थक व ठेकेदार पाटिल ने अपने सुसाइड नोट में सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। बताया जा रहा है कि ठेकेदार संतोष पाटिल ने सुसाइड नोट अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर भी भेजा था।

ठेकेदार संतोष पाटिल ने कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री और भाजपा नेता के.एस. ईश्वरप्पा पर बड़ा आरोप लगाया था। पाटिल के मुताबिक, मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने अपने गृह जिले बेलगाम के एक गांव में 2021 में ठेकेदार द्वारा किए गए सड़क निर्माण के लिए 4 करोड़ रुपये के बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। बता दें कि, 40 वर्षीय ठेकेदार संतोष पाटिल होटल के एक कमरे में मृत पाए गए थे।