उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित जानकीपुरम के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर तेज रफ्तार वॉल्वो बस ने रिंगरोड के किनारे फुटपाथ पर सो रहे एक ही परिवार के पांच लोगों को रौंद डाला। इस हादसे में दो सगी बहनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना गुरुवार (31 अक्टूबर) को सुबह के समय हुई। यह घटना उस समय हुई जब वॉल्वो ड्राइवर एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था और अचानक उसे सामने टेम्पो खड़ा दिखा और वह संतुलन खो बैठा। बस की टक्कर से टेम्पो पलट गया। टेम्पो पलटने से उसका चालक भी बुरी तरह से घायल हो गया है। सूचना मिलने पर पहुंची मड़ियांव और जानकीपुरम पुलिस ने राहगीरों की मदद से सभी घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। हादसे में शिकार बच्चियों के चाचा की तहरीर पर ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
टेम्पो देख ड्राइवर ने संतुलन खो दिया: घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने मीडिया को बताया कि गुरुवार (31 अक्टूबर) सुबह 5:30 बजे सीतापुर रोड की ओर से एक तेज रफ्तार डबल डेकर बस आ रही थी। ओवरब्रिज से उतरने के बाद उसने आगे चल रहे ट्रक को ओवर टेक करने की कोशिश की लेकिन इसी दौरान बस के ड्राइवर को सामने टेम्पो खड़ा दिखाई दिया। इसे देखते ही बस ड्राइवर ने अपना संतुलन खो दिया और टेम्पो को जोरदार टक्कर मार दी। इससे टेम्पो पलट गया। टेम्पो चालक उसके नीचे दब गया। वहीं बगल में फुटपाथ पर सो रहा दिनेश (40) का परिवार बस के नीचे आ गया। बस दिनेश समेत उसकी बेटी खुशबू (11), पूजा (6), शिवानी (8) और बेटे करन (4) को रौंदते हुए बिजली के खम्भे से जा टकराई। लोगों ने बताया कि दिनेश अपने परिवार को चलाने के लिए फुटपाथ पर पान मसाला बेचाता था और रात के समय परिवार के साथ वहीं सो जाता था।
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डॉक्टर ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया: वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इस घटना के घटित होने के बाद बस में बैठे लगभग 150 यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। इसे देख राहगीर अखबार के सेंटर पर मौजूद समाचार पत्र विक्रेता बचाव कार्य में जुट गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे मड़ियांव इस्पेक्टर विपिन सिंह ने लोगों की मदद से घायलों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। अस्पताल में दिनेश की दो बेटियों खुशबू (11) और पूजा (6) को मृत घोषित कर दिया।
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चार लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है: पुलिस ने किसी तरह से वहां फंसे लोगों को बाहर निकालकर ट्रॉमा सेंटर भिजवाया, लेकिन मासूम करन (4) बस के नीचे ही दबा रह गया। काफी प्रयास के बाद भी उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। करन को बाद में क्रेन बुलाकर बाहर निकाला गया और उसे ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मामूली चोट आने की बात कही है। वहीं उसकी बहन शिवानी (8) को भी स्वस्थ बताया जा रहा है, जबकि पिता दिनेश की हालत नाजुक बनी हुई है। इसके अलावा टेम्पो चालक सद्दाम, हसनगंज निवासी अकरम, बब्बू और आशीष शुक्ला की हालत भी नाजुक बनी हुई है।
चंदा जुटाकर किया बच्चियों का अंतिम संस्कार: स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि घायल दिनेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है उसके परिजनों के पास दोनों बच्चियों की अंतिम संस्कार करने के लिए भी घर में रुपये नहीं थे। बच्चियों की दादी उर्मिला और चाचा पप्पू पैसों के लिए परेशान दिखे। इसे देख आसपास के कुछ लोगों ने चंदा जुटाकर बच्चियों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की।
प्रदर्शन करने की कोशिश की: बता दें कि पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों ने पूजा और खुशबू के शव को इंजिनियरिंग कॉलेज के चौराहे पर रखकर मुआवजे के लिए प्रदर्शन करने का काम किया लेकिन पुलिस के समझाने के बाद वो वापस घर चले गए। इसके बाद दोनों बहनों के शव को जानकीपुरम पुलिस की निगरानी में दफन करवा दिया गया है।