Soumya Vishwanathan Murder Case: दिल्ली की पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया है। चार आरोपियों को हत्या-मकोका और एक को मकोका के तहत दोषी ठहराया गया है।
दरअसल, सौम्या की 2008 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे ऑफिस से घर लौट रही थीं। उनकी लाश कार में मिली थी। वे हेडलाइंस टुडे समाचार चैनल की पत्रकार थीं। पहले लगा था कि उनका एक्सीडेंट हुआ है मगर जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि उनके सिर में गोली मारी गई थी।
साकेत कोर्ट ने आज आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार, बलजीत मलिक और अजय सेठी को 2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की ह मामले में 14 साल बाद दोषी ठहराया है। सभी आरोपियों को 2009 में गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि इस मामले में अदालत को सबूत पेश करने में अभियोजन पक्ष को 13 साल से अधिक समय लग गया।
खुद कार चला रही थीं सौम्या
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल पहले 30 सितंबर को 25 साल की सौम्या रात के तीन बजे वीडियोकॉन टावर स्थित अपने दफ्तर से अफने घर वसंतकुंज के लिए निकली थीं। उस समय सौम्या खुद कार चला रही थीं। उसी समय आरोपी भी उसी रास्ते से जा रहे थे। चारों ने उस वक्त सौम्या को देख लिया था। वे धीमी रफ्तार में कार चला रही थीं।
आरोपियों ने अकेली लड़की देख सौम्या का पीछा करना शुरू कर दिया। उन्होंने सौम्या को ओवरटेक करने की कोशिश की मगर नहीं सक सके। इसके बाद गुस्से में आकर आरोपी रवि ने पिस्तौल से सौम्या पर गोली चला दी। वह गोली कार का शीशा तोड़कर सीधा सौम्या के सिर में जा लगी। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
मां ने कहा बेटी तो चली गई मगर फैसला अपराधियों को सबक देगा
सौम्या की बुजुर्ग मां ने कहा की बेटी तो चली गई मगर इस फैसले से अपराधियों को सबक मिलेगा। वे किसी और के साथ ऐसी वारदात को अंजाम नहीं देंगे।
बुजुर्ग पिता ने कहा न्याय हो गया
घटना की खबर फैलते ही पूरी दिल्ली में सन्नाटा छा गया। लोग दहशत में आ गए। लोग लड़कियों को देर शाम घर से बाहर जाने से मना करने लगे। आज यानी 18 अक्टूबर को सौम्या को इंसाफ मिला है। इस वक्त उनके माता-पिता कोर्ट में मौजूद थे। वे कब से अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे।