प्रेम कहानियों पर आधारित कई फिल्में हम सभी ने देखी होंगी। फिल्मों में दर्शकों के मिजाज के हिसाब से प्रेम कहानियों में ट्विस्ट दिए जाते हैं और फिल्म के स्क्रिप्ट के मुताबिक ही उसकी एंडिंग तय की जाती है। लेकिन आज हम बात रील लाइफ की प्रेम कहानियों की नहीं बल्कि रियल लाइफ की उन लव स्टोरिज की कर रहे हैं जिसकी एंडिंग ना तो स्क्रिप्टेड और ना ही इसके ट्विस्ट में किसी की पसंद और नापसंद का ख्याल रखा गया है। रियल लाइफ की कुछ प्रेम कहानियां ऐसी हैं जिनका अंत फिल्मों की तरह सुखमय और तालियां बटोरने वाला कतई नहीं रहा। आज हम आपको देश की उन पांच लव स्टोरिज के बारे में बता रहे हैं जिनका अंत एक ऐसे खौफनाक मोड़ पर हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
नैना साहनी हत्याकांड: रियल लाइफ की ‘1995 अ लव स्टोरी’ की कहानी आज यहां बिल्कुल सटीक बैठती है। इस साल 2 जुलाई को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित एक रेस्टोरेंट के तंदूर में जो कुछ भी जला उसमें जलकर खाक हो गई एक प्रेम कहानी की सुनहरी इबारत। रोंगटे खड़ी कर देने वाली इस वारदात में मुख्य आरोपी था उस वक्त दिल्ली यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष सुशील शर्मा। सुशील शर्मा ने अपनी ही बीवी नैना साहनी की निर्मम हत्या कर उसे तंदूर में जला दिया। सुशील ने नैना ने लव मैरिज किया था लेकिन उसे शक था कि उसकी पत्नी का चक्कर पार्टी के ही एक नेता मतलूब करीम से है। एक दिन उसने नैना को मतलूब से फोन पर बातचीत करते देखा और फिर वो इस कदर बौखला उठा कि उसने उसी रात अपने ही प्रेम कहानी का अंत कर दिया। उसने नैना साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर लाश ठिकाने लगाने के मकसद से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर तंदूर की आग में भुंज डाला। बाद में अपनी पत्नी के कत्ल के आरोप में सुशील गिरफ्तार हुआ और आज वो उम्रकैद की सजा काट रहा है।
शिवानी भटनागर हत्याकांड: साल 1999 में इस प्रेम कहानी का अंत बेहद ही दर्दनाक हुआ। यह कहानी है तेज-तर्रार महिला पत्रकार शिवानी भटनागर की। कहा जाता है कि शिवानी और उस वक्त हरियाणा पुलिस में आईपीएस अधिकारी आर के शर्मा के बीच संबंध काफी नजदीकी संबंध थे। शिवानी की मौत 23 जनवरी को शिवानी भटनागर की पूर्वी दिल्ली स्थित उनके निवास पर हत्या कर दी गई थी। कहा जाता है कि शिवानी ने आईपीएस आर के शर्मा पर शादी का दवाब बनाया था और कहा था कि अगर वो उससे शादी नहीं करेंगे तो उनके साथ अपने संबंधों की बात को सार्वजनिक कर देंगी। इसके बाद आर के शर्मा के इशारे पर ही शिवानी को मौत के घाट उतार दिया गया। आगे इस मामले में पुलिस ने आऱ के शर्मा के गिरफ्तार भी किया था। मामले में रविकांत शर्मा, श्री भगवान शर्मा, सत्य प्रकाश और प्रदीप शर्मा को 18 मार्च 2008 को दिल्ली के ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी लेकिन बाद में अक्टूबर 2011 में रविकांत और दो अन्य को दिल्ली हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। यानी इस लव स्टोरी के एंड तक यह सही-सही पता नहीं चल सका कि शिवानी भटनागर को आखिर किसने मारा?
नीरज ग्रोवर हत्याकांड: असल जिंदगी में खौफनाक अंजाम तक पहुंचने वाली प्रेम कहानियों का जिक्र हो और साल 2008 के नीरज ग्रोवर और मारिया सुसीराज के प्रेम कहानी की बात ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। कभी दक्षिण की फिल्मों में एक्टिंग के लिए संघर्ष कर रही मारिया सुसीराज की दोस्ती एक प्रोड्यूसर नीरज ग्रोवर से काफी गहरी थी। कहा जाता है कि यह दोस्ती जल्दी ही एक प्रेम कहानी बन गई। हालांकि शायद ही इन दोनों ने सोचा कि उनकी प्रेम कहानी का अंजाम इतना भयानक भी हो सकता है। 7 मई 2008 को मुंबई के मलाड स्थित मारिया के अपार्टमेंट में नीरज ग्रोवर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। कहा जाता है कि 6 मई की रात नीरज और मारिया इस अपार्टमेंट में एक साथ थे लेकिन अचानक 7 मई की अहले सुबह मारिया का मंगेतर मैथ्यू जेरोम यहां आ धमका। नीरज को मारिया के बेडरूम में सोता देख मैथ्यू गुस्से से लाल हो गया और उसने नीरज की हत्या कर दी। हत्या के बाद मारिया और मैथ्यू जेरोम ने नीरज के लाश के करीब 300 टुकड़े कर उसे एक सुनसान जंगल में जला दिया। इस मामले में बाद में मैथ्यू को हत्या का दोषी पाया गया जबकि मारिया सुसीरेजा पर हत्या में मदद करने का आरोप साबित हुआ।
कमांडर कवास मानेकशॉ नानावटी केस: इस केस को इंडियन हिस्ट्री की सबसे यादगार और दिलचस्प केस कहा जा सकता है। केएम नानावटी भारतीय नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर थे। बला की खूबसूरत और इंग्लैंड में पढ़ी-लिखी सेल्विया से नानावटी की मुलाकात साल 1949 में इंग्लैंड में हुई थी। दोनों के बीच प्यार की पींगे बढ़ीं और फिर दोनों ने शादी कर ली। कवास मनेकशॉ नानावटी अपनी बीवी के साथ मुंबई में रहने लगे। लेकिन इस बीच नानावटी की पत्नी सेल्विया को मुंबई के एक अय्याश बिजनेसमैन प्रेम आहूजा से मुहब्बत हो गई। तीन बच्चों की मां सेल्विया ने प्रेम आहूजा से शादी करने की बात कही लेकिन प्रेम ने इससे इनकार कर दिया। सेल्विया ने अपने और प्रेम आहूजा के रिश्ते के बारे में नानावटी को सबकुछ सच-सच बता दिया। सेल्विया ने बताया कि प्रेम उनसे शादी करना नहीं चाहता। 27 अप्रैल 1959 को नानावटी ने अपनी पत्नी और बच्चों को सिनेमाघर के बाहर यह कहकर छोड़ा कि वो फिल्म देखें और मैं थोड़ी देर में आ रहा हूं। इसके बाद नानावटी सीधे बॉम्बे हार्बर पहुंचे।
उन्होंने बहाना बनाकर बंदूक और गोलियां ली और प्रेम आहूजा के घर जाकर उसके बेडरूम में घुसे तथा उसे गोली मार दी। इसके बाद नानावटी ने पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया। इस केस के बारे में कहा जाता है कि उस वक्त नौसेना, स्थानीय अखबार और हजारों लोग नानावटी को सपोर्ट कर रहे थे। कई लोग उन्हें बेगुनाह मानते थे। 23 सितंबर 1959 को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। ज्यूरी ने जब नानावटी केस की सुनवाई की थी उस वक्त ज्यूरी के आठ सदस्य नानावटी के पक्ष में थे और एक विपक्ष में। इस केस के बाद से ही ज्यूरी सिस्टम को भी खत्म कर दिया गया था। ज्यूरी ने नानावटी के पक्ष में फैसला सुनाया। बाद में यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा और फिर वहां से सुप्रीम कोर्ट, जहां नानावटी को जेल भेज दिया गया। लेकिन बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। रिहा होने के बाद नानावटी अपने परिवार के साथ कनाडा में शिफ्ट हो गए थे। साल 2003 में उनकी मौत हो गई। यहां आपको याद दिला दें कि साल 2016 में अभिनेता अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी ‘रुस्तम’। फिल्म का किरदार कवास मनेकशॉ नानावटी से ही प्रभावित था।
शिकंजे में गोकुल माचरी : यह प्रेम कहानी एक महिला की मौत और उसके प्रेमी के जेल के सलाखों के पीछे पहुंचने पर जाकर खत्म होती है। बंगलुरू के सॉफ्टवेयर इंजीनियर गोकुल माचरी ने सितंबर 2015 में बेंगलुरू एयरपोर्ट अथॉरिटी को एक फर्जी फोन कर धमकी दी कि बेंगलुरू और दिल्ली के विभिन्न विमानों में बम प्लांट किया गया है। उस वक्त एक अनजान फोन कॉल से मिली धमकी के बाद खलबली मच गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर कई उड़ानों को तत्काल रद्द कर दिया गया था। हालांकि बाद में जांच के दौरान यह पाया गया कि विमान में बम होने की बात महज अफवाह थी। लेकिन यह जांच यहीं खत्म नहीं हुई। पुलिस ने जब इस नंबर के बारे में पता लगाया तो यह नंबर जोश नाम के एक शख्स का निकला। पुलिस तत्काल जोश के पास पहुंच गई लेकिन पुलिस उस वक्त यह जानकर हैरान रह गई यह फोन कॉल जोश ने नहीं किया था।
जांच जब आगे बढ़ी तो इस बात का खुलासा हुआ कि जोश के जिगरी दोस्त गोकुल माचरी ने जोश को फंसाने की खातिर उसके नाम से यह सिम कार्ड लेकर फोन कॉल किया था। दरअसल इस साजिश के पीछे था लव ट्रैंगल। गोकुल, जोश की बेहद ही खूबसूरत पत्नी से कॉलेज के दिनों से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था। उसकी मंशा थी कि वो जोश को इस मामले में जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दे और खुद उसकी पत्नी का हमदर्द बन बाद में उससे शादी रचा ले। लेकिन इस मामले में गोकुल के पकड़े जाने के बाद भी अभी एक और भयानक सच्चाई का खुलासा होना बाकी था। गोकुल ने पुलिस की कड़ी पूछताछ में बताया कि अपनी दोस्त की पत्नी से शादी करने के लिए ही उसने अपनी पत्नी की हत्या भी की थी। उसने अपनी पत्नी की साल 2014 में हत्या कर दी थी। इस मामले में गोकुल अभी भी जेल की सलाखों के पीछे कैद है।