पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं, हालांकि अभी तक मुख्य शार्प शूटर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। लॉरेंस बिश्नोई को पंजाब ले जाकर पूछताछ की जा रही है तो वहीं हाल ही में संतोष जाधव की भी पुणे से गिरफ्तारी हुई है। मूसेवाला की हत्या के बाद हमने बताया था कि कैसे कुछ सुरागों के जरिये पुलिस कातिलों तक पहुंच सकती है।

मूसेवाला हत्याकांड के बाद अब नई जानकारी यह है कि पुलिस जब्त खटारा बोलेरो में मिली एक रसीद के जरिये उन संदिग्धों तक जा पहंची थी, जो हत्या में किसी न किसी तरह से शामिल थे। यह रसीद 25 मई को हरियाणा के एक पेट्रोल पंप में भराए गए डीजल के भुगतान की थी, जिसे दो शार्प शूटर ने बोलेरो में डलाया था। इसी रसीद से पुलिस पहले पेट्रोल पंप पहुंची थी और फिर हरियाणा से कुछ संदिग्धों को उठाया था।

बता दें कि, यह वही बोलेरो थी जिसे हत्या में इस्तेमाल किया गया था और इसी बोलेरो में मुख्य शार्प शूटर प्रियव्रत फौजी और अंकित सेरसा जाटी मौजूद थे। जिनकी फोटो सीसीटीवी में भी कैद हुई थी। हत्या के बाद शूटर बोलेरो छोड़कर आल्टो कार से भाग निकले थे, फिर ऑल्टो के भी बंद होने के बाद वे पैदल भाग खड़े हुए थे। बोलेरो की जब्ती के बाद ही इसे शूटरों को उपलब्ध कराने वाले पवन बिश्नोई और नसीब खान धर दबोचे गए थे।

हालांकि, पुणे से गिरफ्तार हुए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य सिद्धेश हीरामन काम्बले उर्फ सौरभ महाकाल और गुजरात के कच्छ के मांडवी गांव से गिरफ्तार हुए संतोष जाधव की भूमिका हत्या में सामने नहीं आई है। 29 मई को हुई मूसेवाला की हत्या के बाद पुलिस लगातार धरपकड़ कर रही है लेकिन असल हत्यारे अब भी कानून की गिरफ्त से दूर हैं।

इस मामले में अब भी पुलिस चार शार्प शूटर्स की तलाश कर रही है। जिनमें से एक हरियाणा के सोनीपत के गांव सिसाना का प्रियव्रत फौजी और दूसरा सेरसा गांव का अंकित सेरसा जाटी है। इसके अलावा, मनप्रीत सिंह मन्नू और जगरूप सिंह की भी पुलिस को तलाश है।

मनप्रीत मन्नू और जगरूप रूपा दोनों तरनतारन के रहने वाले हैं। पुलिस का मानना है कि इन चारों (प्रियव्रत फौजी, अंकित सेरसा, मनप्रीत सिंह मन्नू और जगरूप सिंह) ने ही मूसेवाला को गोलियां मारी थी। बता दें कि, 29 मई को मानसा जिले के जवाहरके गांव में मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और अब तक पुलिस इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।