साल 2018 में पंजाब पुलिस एक ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा रही थी और इसी दौरान उसने लुधियाना जिले के बस्ती बदलोवाल इलाके से 47 साल के एक शख्स जगरूप सिंह को पकड़ा था। दरअसल उस वक्त पुलिस 43 साल के राजिंदर सिंह की हत्या के मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही थी। यह हत्या पटियाला के मॉडल टाउन इलाके में हुई थी। उस वक्त के तत्कालीन डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (पटियाला, रेंज) सुखचैन सिंह गिल ने बताया था कि पुलिस ने क्राइम सीन के पास से जो सबूत जुटाए थे उसी के आधार पर जगरूप सिंह को पकड़ा गया था।
उस वक्त यह पता चला था कि जगरूप को शक था कि राजिंदर सिंह का उसकी प्रेमिका हेमा के साथ अवैध संबंध थे। इसी शक में आकर उसने राजिंदर सिंह का कत्ल किया था। जगरूप और राजिंदर एक-दूसरे को पहले से जानते थे और हत्या के दिन दोनों ने साथ में ही शराब पी थी। जगरूप ने राजिंदर की शराब में नशीला पदार्थ मिला था और फिर बाद में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी।
लेकिन उस वक्त इस हत्याकांड को सुलझाने के अलावा पुलिस ने जगरूप सिंह को लेकर एक औऱ बड़ा खुलासा किया था। पेशे से ड्राइवर जगरूप सिंह के बारे में पुलिस ने बताया था कि वो एक सीरियल किलर था और उसने बीते 22 साल में 7 हत्याएं की थीं। यह हत्याएं पंजाब के पटियाला और लुधियाना के अलावा हरियाणा में की गई थीं।
पुलिस ने दावा किया था कि जगरूप सिंह ने साल 2004 और साल 2011 में अपनी दो पूर्व प्रेमिकाओं के पतियों की हत्या भी की थी। पुलिस के दावों के मुताबिक जगरूप ने कबूल किया था कि साल 1995 में एक लूटपाट के दौरान उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक महिला की हत्या की थी और यह उसका पहला मर्डर था। यह हत्या लुधियाना में हुई थी। इसके बाद साल 1998 में उसने बादोबाल इलाके में एक अन्य महिला की हत्या कर दी।
साल 2004 में जगरूप की हरियाणा की रहने वाली एक महिला परमजीत कौर से हो गई। दोनों रिलेशनशिप में थे और फिर जगरूप ने यमुनानगर में परमजीत कौर के पति कुलदीप सिंह की हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक कुलदीप सिंह की हत्या के बाद उसने उनके शव को एक ट्रंक में भरकर यमुना में फेंक दिया था।
इसके बाद साल 2011 में जगरूप की दोस्ती एक अन्य महिला हेमा से हो गई। हेमा उस वक्त लुधियाना में थी। हेमा के साथ मिलकर जगरूप सिंह ने उसके पति नंदलाल की हत्या की थी। उनके क्षत-विक्षत शव को काकोवाल गांव में एक सुनसान जगह पर फेंक दिया गया था।
साल 2015 में जगरूप ने अपने एक साथ अनिल कुमार की हत्या की थी। दरअसल जगरूप और अनिल देह व्यापार के धंधे में शामिल हो गए थे। जब जगरूप को पता चला कि अनिल की दोस्ती परमजीत से हो गई है तब उसने अनिल की हत्या कर दी थी। इस घटना के करीब एक साथ बाद जगरूप और हेमा ने मलिकर लुधियाना के ढेलॉन में परमजीत की हत्या कर दी थी।