मध्यप्रदेश में उज्जैन से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, यहां महानंदा नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शाखा से करोड़ों रुपये के जेवर और नकदी की चोरी के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि इसका मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं बल्कि बैंक का ही एक कर्मचारी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस मास्टरमाइंड बैंककर्मी ने अपने अन्य चार साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। अधिकारी ने आगे कहा कि आरोपियों के पास से पांच करोड़ रुपये का सोना और लाखों रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मंगलवार देर रात एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सीसीटीवी फुटेज और अन्य जानकारी के आधार पर कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।” उन्होंने यह भी कहा, “इनमें बैंक का संविदाकर्मी जय भावसार भी शामिल है, जिसने अपने अन्य चार साथियों के साथ मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और इनके पास से पांच करोड़ रुपये का सोना और आठ लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।”
शर्मा ने आगे बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने पर बैंक प्रबंधक और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को तीस हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा भी की। बता दें कि चोरी की यह वारदात सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात हुई थी।
सीसीटीवी से खुला राज-
सीसीटीवी कैमरे खंगालने के दौरान पुलिस ने पाया था कि दो चोर बैंक की दीवार फांदकर अंदर घुसे और सीढ़ियों से ऊपरी मंजिल पर जाकर ताले खोलकर बैंक में प्रवेश कर गए।
सीसीटीवी कैमरे में यह भी पाया गया कि चोरों ने बैंक के लॉकर का ताला खोल उसमें रखे नकदी और सोना निकाल लिया। चूंकि न ताला टूटा और न ही तिजोरी, इसके बाद ही पुलिस को इसमें बैंक के किसी कर्मचारी के मिलीभगत की आशंका हुई और फिर इस आधार पर जांच की गई। पुलिस के मुताबिक चोरी हुआ सोना उन लोगों का था, जिन्होंने बैंक में जेवरात गिरवी रखकर लोन लिया था।