दिल्ली की पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस के सभी दोषियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि पांचों आरोपियों को मकोका के तहत सजा दी गई है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने चारों दोषियों रवि कपूर,अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार पर सवा लाख-सवा लाख का जुर्माना लगाते हुए दो मामलों में अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों उम्रकैद की सजा एक के बाद एक चलेंगी। दरअसल, आजीवन कारावास का मतलब होता है कि कैदी अपनी अंतिम सांस तक जेल की चारदीवारी के अंदर ही सजा काटेगा।

वहीं पांचवें आरोपी अजय सेठी को हत्या का दोषी नहीं माना। हालांकि उसे लूटा हुआ माल अपने कब्जे में रखने का दोषी माना। इसलिए कोर्ट ने अजय सेठी को IPC के सेक्शन 411 के तहत दोषी माना।

दरअसल, पत्रकार सौम्या की 2008 में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे ऑफिस से घर लौट रही थीं। उनकी लाश कार से बरामद हुई थी। पुलिस को पहले लगा था कि उनका एक्सीडेंट हुआ है मगर जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि उनके सिर में गोली मारी गई थी। जिस कारण उनकी मौत हो गई थी।

पांचवां आरोपी आ सकता है जेल से बाहर

कोर्ट ने इस अजय सेठी को दोषी माना है और उसे तीन साल की सजा सुनाई है। हालांकि वह पहले से ही जेल में बंद है। इस लिहाज से उसकी सजा पूरी हो चुकी है। यानी अब वह जेल से बाहर आ सकता है। एजिशनल सेशन जज रविंद्र पांडे ने फैसला देते हुए कहा कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता, लिहाजा मृत्युदंड नहीं। फैसला देते हुए जज ने महिला के कार्यस्थल औऱ नाइट शिफ्ट पर चिंता जताई।

मामले में14 साल बाद दोषी ठहराए गए थे आरोपी

साकेत कोर्ट ने 18 अक्टूबर को आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार, बलजीत मलिक और अजय सेठी को 2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में 14 साल बाद दोषी ठहराया था। कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि सभी आरोपियों को 2009 में गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि इस मामले में अदालत को सबूत पेश करने में अभियोजन पक्ष को 13 साल से अधिक समय लग गया।

वारदात के दिन क्या हुआ था

रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल पहले 30 सितंबर को 25 साल की सौम्या रात के तीन बजे वीडियोकॉन टावर स्थित अपने दफ्तर से अपने घर वसंतकुंज के लिए निकली थीं। उस समय सौम्या खुद कार चला रही थीं। उसी समय आरोपी भी उसी रास्ते से जा रहे थे। चारों ने उस वक्त सौम्या को देख लिया था। वे धीमी रफ्तार में कार चला रही थीं। आरोपियों ने अकेली लड़की देख सौम्या का पीछा करना शुरू कर दिया। उन्होंने सौम्या को ओवरटेक करने की कोशिश की मगर नहीं सक सके। इसके बाद गुस्से में आकर आरोपी रवि ने पिस्तौल से सौम्या पर गोली चला दी। वह गोली कार का शीशा तोड़कर सीधा सौम्या के सिर में जा लगी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। घटना की खबर फैलते ही पूरी दिल्ली में सन्नाटा छा गया था।