मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए गए बयान में एक चौंकाने वाला दावा किया है। परमबीर सिंह ने बताया है कि, अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में आरोपी व बर्खास्त चल रहे एएसआई सचिन वाजे को दो साल पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे व राज्य में मंत्री आदित्य ठाकरे के ‘सीधे निर्देश’ पर बहाल किया गया था।

बता दें कि, साल 2004 में हिरासत में हुई मौत में सचिन वाजे की कथित संलिप्तता के चलते पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और फिर कुछ समय के लिए वह शिवसेना में शामिल हो गए थे। इसके बाद सचिन वाजे को साल 2020 में सहायक पुलिस निरीक्षक के रूप में बहाल कर दिया था, लेकिन मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में आरोपी होने के चलते वाजे को फिर से बर्खास्त कर दिया गया था।

ऐसा पहली बार है जब सूबे में जबरन वसूली के मामलों में जांच का सामना कर रहे परमबीर सिंह ने ठाकरे परिवार के खिलाफ आरोप लगाए हैं। इससे पहले, परमबीर ने मुख्यमंत्री ठाकरे को एक पत्र लिखकर तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण एनसीपी नेता अनिल देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए गए बयान में सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की लिस्ट भी भेजते थे, जो कि सुप्रीमकोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन था। हालांकि इन आरोपों के जवाब देते हुए अनिल परम ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि, उन्हें अपना नाम ईडी की चार्जशीट में होने की कोई सूचना नहीं है।

इसके अलावा सीएम व उनके बेटे पर लगे आरोपों पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से प्रतिशोध की राजनीति कर रही है लेकिन हम दबाव में झुकेंगे नहीं। बता दें कि, परमबीर सिंह के द्वारा दिया गया बयान बीते महीनें अनिल देशमुख, उनके बेटो व अन्य के खिलाफ कथित तौर पर ली गई रिश्वत से जुड़े मनी-लांड्रिंग के आरोपों में दायर पूरक चार्जशीट का हिस्सा है।

3 दिसंबर 2021 को परमबीर सिंह ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा था कि, “मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को फिर से नियुक्त करने का सीधा दबाव बनाया था। इसके अलावा सीएम उद्धव ठाकरे व उनके बेटे आदित्य ठाकरे की तरफ से भी ऐसा ही करने के निर्देश दिए गए थे। सिंह ने बताया कि सीएम और गृहमंत्री के निर्देश व सुझाव के चलते ही मैंने सचिन वाजे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में ट्रांसफर किया था।”

परमबीर ने अपने बयान में आगे कहा कि सचिन वाजे सीधे तौर पर हर मामले में सीएम व गृहमंत्री को अपडेट करते थे और उन्हें अगले कामों के निर्देश भी यहीं से मिलते थे। साथ ही सिंह ने बयान में यह आरोप भी लगाया कि देशमुख ने वाजे से पुलिस सेवा में बहाली के लिए कथित तौर पर रिश्वत भी ली थी। हालांकि देशमुख ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि वाजे को बहाल करने का काम पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में आता है और उन्होंने पूरे मामले का मास्टरमाइंड परमबीर सिंह को ही बताया था।

फिलहाल, मनी-लांड्रिंग के आरोपों में पहले राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और अब सीएम उद्धव ठाकरे व आदित्य ठाकरे का नाम आने के चलते सियासी गलियारों में फिर से गर्माहट बढ़ गई है।