नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 के मुकाबले 2020 में अपराध का ग्राफ नीचे आया है। 2020 में जब देश में संपूर्ण लॉकडाउन था, तब देश में अपराध कम हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के साथ-साथ चोरी, सेंधमारी और डकैती के तहत दर्ज मामलों में गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में क्राइम रेट में गिरावट दर्ज की गई है। जहां बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं, वहीं यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में गिरावट दर्ज की गई है।

दिल्ली का हाल- दिल्ली में 2020 में कुल 2,49,192 मामले दर्ज किए गए। ये आकंड़े 2019 में दर्ज किए गए मामलों की तुलना में 50,283 कम है। 2018 में, दिल्ली में कुल 2,49,012 मामले दर्ज किए गए थे। 2019 की तुलना में 2020 में हत्या और अपहरण जैसे अपराध और महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है। 2020 में हत्या के मामलों में 9% की गिरावट आई है।

बंगाल में महिला अपराध में वृद्धि- 14 सितंबर को जारी किए गए रिपोर्ट में कहा गया कि 2019 की तुलना में 2020 में देश में महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में 8.3% की कमी आई है। 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 4,05,326 मामलों से 8.3% कम है।

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, दिल्ली में 2019 में 13,395 मामलों से घटकर 2020 में 10,093 मामले हो गए। उत्तर प्रदेश सबसे तेज गिरावट देखने को मिली है। यूपी में 2019 में मामले 59,853 से घटकर 2020 में 49,385 हो गए।

यूपी में बढ़ रहे मामले- हालांकि यूपी में भले ही महिला अपराध के मामलों में गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन अगर सभी मामलों को देखा जाए तो 2018 से लगातार आपराधिक मामले बढ़ रहे हैं। 2018 में कुल 3,42,355 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में बढ़कर 3,53,131 और 2020 में 3,55,110 हो गए।

अनुसूचित जाति के खिलाफ बढ़ा अपराध- अनुसूचित जातियों यानि एससी के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखी गई है। इनके खिलाफ कुल 50,291 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2019 में 45,961 मामले दर्ज किए गए थे। इस तरह इनके खिलाफ मामलों में 9.4% की वृद्धि हुई है।