राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो यानी एनसीआरबी द्वारा आंकड़ों के मुताबिक, देश की जेलों में 77 फीसदी अंडरट्रायल कैदी बंद हैं। आसान भाषा में समझा जाए तो अंडरट्रायल कैदी (Undertrail Inmates) वो होते हैं जिनके खिलाफ अभी मामले कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया/अदालत में विचाराधीन हैं।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in करें

देश की जेलों में बंद हैं साढ़े पांच लाख से ज्यादा कैदी

साल 2021 के आंकड़ों की बात करें तो देश भर की जेलों में बंद साढ़े पांच लाख (5,54,034) कैदियों में से 4, 27,165 यानी 77 फीसदी कैदी ऐसे हैं, जो अंडरट्रायल हैं। देश भर की जेलों में बंद अंडरट्रायल कैदियों के साल 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह संख्या 3,71,848 के करीब की थी। यानी कि साल 2020 से 21 के बीच आंकड़ों में 14.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

जिला जेलों में अंडरट्रायल कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, जिला जेलों में अंडरट्रायल कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या है; जो कि करीब 51 फीसदी के करीब है। जिले जेलों के बाद सबसे ज्यादा अंडरट्रायल कैदी सेंट्रल जेल व सब-जेल की है। सेंट्रल जेल में बंद अंडरट्रायल कैदियों की संख्या 36.2 फीसदी है जबकि सब जेल में में बंद अंडरट्रायल कैदियों की संख्या 10 फीसदी है। यानी आंकड़े बताते हैं कि देश में विचाराधीन कैदियों की संख्या बढ़ रही है।

लंबित मामले हैं सबसे बड़ा कारण

देश में लगातार अंडरट्रायल कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे वकील लंबित पड़े मामले को मानते हैं। अधिवक्ताओं के अनुसार, कि अगर देश की शीर्ष अदालत के आदेश का पालन किया जाए, तो जेल में विचाराधीन कैदियों की संख्या कम की जा सकती है। साल 2021 के आखिर में 1 करोड़ 44 लाख से ज्यादा मामले देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित थे। आंकड़ों के अनुसार भारतीय अदालतों में कुल लंबित मामलों की प्रतिशतता 91.2 के करीब थी।

अंडरट्रायल कैदियों के मामले में यूपी टॉप पर

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जो देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रदेश है और यहां अंडरट्रायल कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या है। यूपी की अलग-अलग जेलों में बंद 90,606 कैदी ऐसे हैं जिनके मामले विचाराधीन हैं। साल 2020 में यही आंकड़ें 80 हजार के करीब थे। यानी की यूपी में विचाराधीन कैदियों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यूपी के बाद इस लिस्ट में बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा का नाम शामिल है।

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा जुर्म समाचार (Crimehindi News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 07-09-2022 at 23:01 IST