आज कहानी मैसूर के एक हकीम शबा शेरिफ की जिसे अपनी दवा का फार्मूला न बताना काफी महंगा पड़ गया। इसके चलते उसे एक साल तक बंधक बनाकर यातना दी गई और फिर केरल में उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस को केस से जुड़े सबूत हाथ न लगे इसलिए उसके शरीर को टुकड़ों में बांट दिया गया और फिर केरल की चलियार नदी में फेंक दिया गया। लेकिन इस कहानी का अंत किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म के जैसा सस्पेंस से भरा है।
मैसूर के इस हकीम की हत्या की कहानी को समझने के लिए हमें घटनाक्रम को पीछे से शुरू करना पड़ेगा। जिसमें शबा शेरिफ के लापता होने के लगभग तीन साल बाद, केरल पुलिस को शबा की हत्या के बारे में पता चला, जब बीते 29 अप्रैल को तिरुवनंतपुरम में सचिवालय के सामने आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया था।
इन तीनों को मलप्पुरम जिले के नीलांबुर में दर्ज एक डकैती के मामले में आरोपी बनाया गया था, जहां 24 अप्रैल को मिडिल ईस्ट के एक व्यापारी 42 वर्षीय शैबिन अशरफ के घर में चोरी हुई थी। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन पर शैबिन अशरफ ने घर से 7 लाख रुपये, चार मोबाइल 2.50 लाख रुपये के फोन और तीन लैपटॉप चोरी करने का आरोप लगाया था।
तीनों आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अशरफ के इशारे पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया था, लेकिन उसने उन्हें भुगतान नहीं किया। अब वह हमें मारना चाहता है। यहां तक सब ठीक था लेकिन पुलिस को आरोपियों में से एक नौशाद ने एक पेन ड्राइव सौंपी और कहा कि इसमें एक व्यक्ति की हत्या के सबूत हैं। पेन ड्राइव की जांच करने पर, नीलांबुर पुलिस को ऐसे वीडियो मिले जिनमें अशरफ और अन्य शबा शेरिफ को प्रताड़ित कर रहे थे।
इसके बाद जब पुलिस ने शेरिफ की पहचान की पुष्टि की तो पता चला कि वह अगस्त 2019 से लापता है। ऐसे में उन्होंने अशरफ को गिरफ्तार कर लिया, जो कि मिडिल ईस्ट में एक होटल व्यवसाय और अन्य कारोबार करता था। पुलिस के अनुसार, अशरफ और उसके साथियों ने अगस्त 2019 में मैसूर में उसके घर से शेरिफ का अपहरण कर लिया। फिर उसे नीलांबुर में अशरफ के घर ले जाया गया।
शबा को जंजीर से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया गया। दरअसल, अशरफ ने बवासीर के इलाज के लिए हकीम शबा द्वारा बनाई गई दवा का बिजनेस करना चाहता था, लेकिन शबा शेरिफ ने अपनी औषधीय फार्मूले के राज का खुलासा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2020 तक अशरफ और उसके लोगों ने शेरिफ को प्रताड़ित किया फिर उसे मारकर शरीर के अंगों को चलियार नदी में फेंक दिए।