Bhopal Court Room Attack News: मध्य प्रदेश के भोपाल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के एक युवक का उत्पीड़न किया गया। 28 वर्षीय शख्स जो पेशे से जेसीबी ऑपरेटर है अपनी प्रेमिका से शादी करने के लिए भोपाल जिला न्यायालय पहुंचा था। उसके वकील ने उसे भरोसा दिलाया था कि वो 1954 के विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के तहत उसकी शादी को रजिस्टर करने में मदद करेगा।

हालांकि, कुछ ही घंटों बाद एक दक्षिणपंथी समूह (Leftist Group) ने उस पर हमला किया और उसकी प्रेमिका के सामने उस पर हमला किया। वहीं, उसके विरोध के बावजूद जबरन पुलिस वाहन में ले जाया गया।

शख्य पर “लव जिहाद” का आरोप लगाया

जानकारी अनुसार 8 फरवरी को, एक इंटर रिलिजन कपल जो अपनी शादी को रजिस्टर कराने के लिए भोपाल की एक कोर्ट में गया था, दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों द्वारा निशाना बनाया गया। उन्होंने युवक जो मुस्लिस समुदाय से ताल्लुक रखता है पर हमला किया और उस पर “लव जिहाद” का आरोप लगाया।

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शादी के लिए कोर्ट पहुंचे शख्स को महिला को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं, घटना का वीडियो भी बनाया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, नरसिंहपुर निवासी पीड़ित शख्स ने अब दावा किया है कि ये उसका वकील ही था जिन्होंने दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों को कोर्ट रूम में कपल की उपस्थिति के बारे में जानकारी दी थी।

पीड़ित ने ये भी दावा किया कि अब उन्हें “अपनी जान का डर है और वे पुलिस सुरक्षा की मांग करते हैं”। उन्होंने कहा, “हमले के बाद से मैं घर नहीं लौटा हूं। मेरे परिवार और मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मैं पुलिस सुरक्षा की मांग करता हूं।”

पीड़िता ने सुनाई आपबीती

अपनी आपबीती बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरी मंगेतर ने कोर्ट मैरिज के लिए एक वकील से संपर्क किया। मैंने 35,000 रुपये का भुगतान किया, लेकिन शादी रजिस्टर होने से पहले, वकील ने लोगों के एक ग्रुप को बुलाया जिन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। उन्होंने मुझ पर जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। लेकिन मेरी मंगेतर ने बार-बार इससे इनकार किया। वकील ने मेरा फोन भी छीन लिया और भीड़ को मुझ पर और हमला करने दिया। मुझे अपमानित किया गया, लूटा गया। साथ ही मुझे न्याय भी नहीं मिला।”

पीड़ित ने आरोप लगाया कि हमला कोर्ट परिसर में ही नहीं रुका। उन्होंने कहा, “शुरुआती हमले के बाद, मुझे कोर्ट परिसर के अंदर पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां मुझे उसी समूह ने कुछ वकीलों के साथ फिर से पीटा गया। उन्होंने मुझे सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया, मुझसे 10,000 रुपये नकद छीन लिए और मेरे फोन का पासवर्ड मांगा। अगर एक पुलिस अधिकारी ने मुझे एमपी नगर पुलिस स्टेशन में ट्रांस्फर नहीं किया होता, तो मेरी हत्या हो सकती थी।”

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पूरे मामले में व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और वकील अक्षय करण पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि, करण ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि उसने न तो दंपति से पैसे लिए और न ही किसी दक्षिणपंथी समूह से संपर्क किया। करण ने कहा, “इस घटना को लेकर कई समूह मुझे निशाना बना रहे हैं। लेकिन मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता।”

इधर, विवाद के केंद्र में रहने वाली युवती ने भी जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों से इनकार किया है। हालांकि, उसकी मां ने उस व्यक्ति (प्रेमी) पर रेप और जबरदस्ती का आरोप लगाया है। हालांकि, दोनों ही आरोपों से वो इनकार करता है। उसने कहा, “ये आरोप झूठे हैं। युवती और मैं वयस्क हैं और हमने अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला किया है। ये पिछले पारिवारिक विवाद का बदला है।” उसके वकील सिराज अनवर ने कहा कि वो हमले को लेकर जल्द ही अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।