दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए सिरदर्द बने कुख्यात गैंगस्टर जितेन्द्र गोगी को बीते साल सितंबर में रोहिणी कोर्ट के अंदर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। जितेन्द्र गोगी दिल्ली पुलिस की मोस्टवांटेड लिस्ट में टॉप पर था। इसके अलावा वह तीन बार पुलिस कस्टडी से फरार भी हो चुका था। लेकिन अब बताते हैं कि आखिर डीयू में पढ़ने वाला एक लड़का इतना बड़ा अपराधी कैसे बन गया।

छात्र संघ के चुनावों ने बदले हालात: साल 1991 में दिल्ली के अलीपुर में पैदा हुआ जितेन्द्र गोगी डीयू के श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ता था। छात्र संघ के चुनावों में उसने अपने एक साथी को चुनाव में खड़ा किया। दूसरी तरफ गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया उर्फ सुनील ने भी अपने एक साथी को खड़ा कर दिया। इसी दौरान दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया और गोलीबारी तक नौबत आ पहुंची।

वर्चस्व की जंग में बने बड़े अपराधी: कॉलेज में हुई घटना के बाद दोनों पक्षों के लोग जेल गए। जेल में रहते हुए ही गोगी का एक साथी ताजपुरिया के मिल गया और जेल से निकलने के बाद टिल्लू ताजपुरिया की गैंग में शामिल हो गया। इसी बात को लेकर दुश्मनी और बढ़ गई। ऐसे में कुछ दिन बाद गोगी ने टिल्लू की गैंग के एक आदमी दीपक की चार लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी। इस मामले में गोगी 2016 में गिरफ्तार भी हो गया था, लेकिन तीन महीने बाद ही वह पुलिस कस्टडी से फरार हो गया।

तीन बार हुआ कस्टडी से फरार: बीते कई सालों से हरियाणा और दिल्ली पुलिस के लिए परेशानी बने गोगी ने कस्टडी में रहते हुए तीन बार फरारी काटी थी। पुलिस की मानें तो कभी टिल्लू और गोगी दोस्त थे, लेकिन चुनावों के चलते रंजिश ऐसी बढ़ी कि दोनों पक्षों के करीब 20 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा गोगी पर आरोप था कि वह जेल में रहते हुए भी रंगदारी, फिरौती और अपहरण जैसे संगीन जुर्मों को अंजाम देता था।

गोगी का आपराधिक इतिहास: पुलिस डोजियर के अनुसार जितेन्द्र गोगी पर करीब 19 मामले दर्ज थे, इनमें फिरौती, अपहरण, हत्या, जबरन वसूली, छिनैती, हत्या के प्रयास, हत्या की साजिश रचने जैसे जुर्म शामिल थे। जितेन्द्र पर दिल्ली पुलिस ने 4 लाख तो वहीं हरियाणा पुलिस उस पर 2 लाख का इनाम और मकोका भी लगा रखा था।

कब पकड़ा गया: जितेन्द्र गोगी कई सालों से पुलिस की पकड़ से बाहर था, लेकिन बीते साल अप्रैल में ही गोगी को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम ऐक्ट (एमसीओसीए) के तहत गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। मकोका के तहत दर्ज एफआईआर में बताया गया था कि वह अपराध करके जितने भी रूपये कमाता था, उसे वह महंगी गाड़ियों व हथियार खरीदने में लगा देता था।

कोर्ट के अंदर हुई गोगी की हत्या: बीते साल अप्रैल में गिरफ्तार किये गए जितेन्द्र गोगी को तिहाड़ जेल में रखा गया था। लेकिन पिछले साल सितंबर में गोगी के दुश्मनों ने रोहिणी कोर्ट में घुसकर गोलियों से भून दिया था। वहीं पुलिस ने जवाबी एक्शन में वकील की ड्रेस में आए हमलावरों को भी ढेर कर दिया गया था।