बिहार के हाई प्रोफाइल गैंगरेप केस में अब सत्तारुढ़ पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक गुलाब यादव और वर्तमान में उर्जा विभाग के प्रधान सचिव IAS अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाएगी। मामले में शिकायत करने वाली और पीड़िता महिला वकील की गुहार के बाद दानापुर के ACJM कोर्ट ने लिखित आदेश में FIR दर्ज करने कहा है। कोर्ट में शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई थी और शनिवार को लिखित आदेश जारी किया गया था।
Patna High Court के पहले दिए गए निर्देशों के आधार पर फैसला
महिला वकील की शिकायत पर दानापुर के ACJM कोर्ट ने पटना के रुपसपुर थाना को IAS अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व MLA गुलाब यादव के खिलाफ गैंगरेप का केस दर्ज कर मामले की जांच करने का आदेश दिया है। महिला वकील ने बताया कि पटना हाई कोर्ट के पहले दिए जा चुके निर्देशों के तहत दानापुर ACJM कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। रविवार को छुट्टी होने की वजह से सोमवार को कोर्ट का लिखित आदेश रिसीव करने के बाद रुपसपुर थाने में FIR दर्ज किया जाएगा।
गैंगरेप, अबॉर्शन, वीडियो, धोखा और धमकी समेत कई संगीन आरोप
महिला वकील ने पूर्व विधायक और आईएएस अफसर के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाया है। इसमें हथियार दिखाकर गैंगरेप करने, एक बार अबॉर्शन करवाने, प्राइवेट फोटो और वीडियो वायरल करवाने, डराने-धमकाने, बेटे को नहीं अपनाने समेत कई संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि दोनों आरोपियों ने रसूख का इस्तेमाल करके थाना में केस नहीं होने देने और एक बार दानापुर कोर्ट में अपील भी खारिज करवा दी थी।
रसूख वाले आरोपी ने की थाना और कोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश
औरंगाबाद की रहने वाली महिला वकील ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में माना था कि दानापुर कोर्ट ने बिना सही तरीके से जांच देखे बिना केस खारिज कर दिया था। पुलिस को मामले की जांच करने का आदेश दिया गया था। इसके ही रिपोर्ट पर अब केस दर्ज करने का आदेश हुआ है। महिला वकील ने कहा कि 6 साल पहले राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने के नाम पर झांसा देकर और गन प्वाइंट पर पहली बार झंझारपुर से राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव ने अपने घर पर रेप किया था। केस करने से रोकने के लिए शादी का वादा भी किया था। इसके बाद भी वह शारीरिक शोषण करता रहा।
पहली बार अबॉर्शन करवाया, दूसरी बार बेटे को अपनाने से मना किया
आरोपों के मुताबिक गुलाब यादव ने पुणे बुलाकर और खाने-पीने के सामान में नशा मिलाकर अपने साथी आईएएस अफसर संजीव हंस के साथ मिलकर गैंगरेप किया। निजी फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बाद में भी शोषण किया। पहली बार गर्भवती होने पर अबॉर्शन भी करवाया गया। महिला वकील ने बताया कि दूसरी बार भी अबॉर्शन करने कहा गया, लेकिन किसी तरह बच गई और बेटे को जन्म दिया। वकील ने कहा कि आईएएस अफसर ने फोन पर कबूला था कि बच्चा उसका है। इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग वह हाई कोर्ट में पेश कर सकती है।
महिला वकील ने जताई मां-बेटे की जान को खतरे की आशंका
महिला वकील ने आशंका जताई है कि आरोपियों के असरदार होने की वजह से उसके और उसके बेटे की जान को खतरा हो सकता है। आरोपी लोग पहले की तरह इस बार भी कानूनी प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकते हैं। इसलिए उन दोनों को गिरफ्तार किया जाए। इस मामले को लेकर पटना के राजनीतिक और नौकरशाही के गलियारों में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।