मणिपुर के चुराचांदपुर में शनिवार को असम राइफल्स के एक काफिले पर हमले में 46वीं असम राइफल्स कमांडिंग ऑफिसर (सीओ), उनकी पत्नी व बेटे समेत सात जवान शहीद हो गए। पीएम मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि जवानों का बलिदान हमेशा याद रहेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कायरतापूर्ण हमला बताते हुए कहा कि इसके दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। राजनाथ ने कहा कि उग्रवादियों को माकूल जवाब दिया जाएगा। उन्हें पता होना चाहिए कि जवानों पर हमले का क्या परिणाम होता है।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दुखद और निंदनीय है। देश ने 46वीं असम राइफल्स के सीओ, उनके परिवार के अलावा चार बहादुर सैनिकों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य के सुरक्षा बल और अर्द्धसैन्य बल पहले से ही उग्रवादियों का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा- हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उनका कहना है कि केंद्र से संपर्क साधकर रणनीति बनाई जा रही है।
हमले के पीछे मणिपुर में सक्रिय पीपल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी भी उग्रवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हमला सुबह तकरीबन दस बजे हुआ। यह देहांग से 3 किमी दूरी पर अंजाम दिया गया। हमले में मारे गए सीओ की पहचान विप्लव त्रिपाठी के रूप में हुई है। हमले में उनकी पत्नी और आठ साल का बेटा भी मारा गया। बताया जाता है कि वह म्यांमार बॉर्डर से लौट रहे थे, तभी यह हमला हुआ। सीओ के अलावा बाकी चार शहीद जवान क्विक रिस्पांस टीम के सदस्य थे।
सेना के सूत्रों का कहना है कि हथियारों से लैस उग्रवादियों ने QRT पर घात लगाकर हमला किया। पहले IED ब्लास्ट किया गया था। उसके बाद अंधाधुंध फायरिंग जवानों पर की गई। एक अधिकारी का कहना है कि उत्तर-पूर्व में अक्सर जवानों के परिवार को निशाना नहीं बनाया जाता है। यह एक तरह से लड़ाई का ऐलान है। अब उग्रवादियों को करारा जवाब मिलेगा। उनका कहना है कि उग्रवादियों सीमापार से आए थे। उनकी तलाश के लिए सेना व सुरक्षा बल मुहिम चला रहे हैं।