पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर का केंद्रीय सिख संग्रहालय (सेंट्रल म्यूजियम) एक बार चर्चा में है। दरअसल, एक बार फिर से संग्रहालय में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उग्रवादी बलविंदर सिंह जटाना की तस्वीर लगाई गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) इससे पहले भी स्वर्ण मंदिर के केंद्रीय सिख संग्रहालय में आत्मघाती बन पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की जान लेने वाले दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर लगाई थी।

बलविंदर जटाना के साथ लगी इनकी तस्वीर

एसजीपीसी ने जटाना की तस्वीर के अलावा गुरु नानक के पहले अनुयायी नवाब राय बुलार अहमद भट्टी, एसजीपीसी के पूर्व सदस्य जत्थेदार जोगिंदर सिंह पंजराथ और हरिंदर सिंह रानियन की तस्वीर भी लगाई है। इन तस्वीरों को एक समारोह के दौरान लगाया गया और इस मौके पर एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी और स्वर्ण मंदिर के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह भी मौजूद थे।

दो इंजीनियरों की हुई थी हत्या

आपको बता दें कि, बलविंदर सिंह जटाना के नेतृत्व में उग्रवादियों ने चंडीगढ़ में अपने साथियों के साथ जुलाई, 1990 में सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के चीफ इंजीनियर एम.एस. सीकरी और सुपरिटेंडिंग इंजीनियर अवतार औलख की हत्या कर दी थी।

इंजीनियरों की हत्या के बाद रुक गया था SYL का काम

एम.एस. सीकरी और अवतार औलख, दोनों इंजीनियर एसवाईएल नहर का कामकाज रहे थे, जिसके बाद पंजाब सरकार द्वारा इस पर काम रोक दिया गया था। इसी घटना के बाद से एसवाईएल नहर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय बनी रही है। फिर बाद में मांग की गई कि इसे बनाया जाए ताकि इसे पानी का उचित हिस्सा मिल सके लेकिन मामला अधर में लटक गया।

मूसेवाला के गाने में आया था जटाना का नाम

इस साल जटाना का नाम तब सुर्खियों में आया था, जब सिद्धू मूसेवाला के गाने SYL में उसका जिक्र हुआ था। यह गाना पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या के एक महीने बाद जून में यू-ट्यूब पर रिलीज किया गया था। सतलुज-यमुना लिंक नहर पर आधारित इस गाने में जटाना के जिक्र को लेकर विवाद बढ़ गया था, जिसके बाद इसे यू-ट्यूब ने ब्लॉक भी कर दिया था।

कौन था बलविंदर सिंह जटाना

पंजाब के रोपड़ जिले के चमकौर साहिब के जटाना गांव से आने वाला बलविंदर सिंह जटाना खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था। जटाना को उनके समर्थक ‘सिख मुक्ति नायक’ कहते थे। बलविंदर सिंह को बब्बर खालसा के प्रमुख सुखदेव सिंह बब्बर का करीबी माना जाता था। जटाना को बब्बर खालसा ने पंजाब के मालवा इलाके का लेफ्टिनेंट जनरल बनाया हुआ था।