मुंबई की मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस ने कथित तौर पर क्लोन एटीएम कार्ड गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर स्कीमिंग डिवाइस से डाटा चुराने और फिर फर्जी एटीएम बनाने और उनका उपयोग करके पैसे निकालने का आरोप है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप, एटीएम कार्ड क्लोनर, एटीएम कार्ड स्किमिंग डिवाइस, मोबाइल फोन और सैकड़ों क्लोन एटीएम कार्ड जब्त किए हैं।
पुलिस ने एटीएम क्लोन और ठगी के मामले में सबसे पहले गुप्त सूचना के आधार पर विरार (पूर्व) निवासी सौरभ यादव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सौरभ की निशानदेही पर बिहार के तीन सहयोगियों धनराज पासवान, पवन कुमार पासवान और राकेश चौधरी को गिरफ्त में ले लिया गया था।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे रेस्टोरेंट और बार में वेटरों के संपर्क में रहते थे। आरोपियों ने बताया कि वेटर्स का काम स्किमिंग डिवाइस पर ग्राहकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड को स्वाइप करना होता था। पुलिस ने कहा कि वेटर स्किमिंग डिवाइस का उपयोग करके डाटा चोरी करते और एटीएम पिन को नोट कर लेते थे। इसके बाद वह जालसाजों को इसकी जानकारी दे देते थे।
पुलिस ने कहा कि जालसाज इस डाटा का इस्तेमाल कर क्लोन एटीएम कार्ड बनाते और फिर एटीएम से पैसे निकालने उस पिन का इस्तेमाल करते थे, जो उन्हें वेटर द्वारा उपलब्ध कराया जाता था। स्किमिंग डिवाइस एक ऐसा उपकरण होता है, जिसका इस्तेमाल जालसाज एटीएम, गैस पंपों पर स्वयं-सेवा भुगतान (सेल्फ सर्विस पेमेंट) अन्य वस्तुओं पर करते हैं। यह कार्ड रीडर की तरह काम करता है और सभी तरह के कार्ड का डाटा कॉपी कर लेता है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, चार एटीएम कार्ड क्लोनर, आठ एटीएम कार्ड स्किमिंग डिवाइस, पांच मोबाइल फोन और विभिन्न बैंकों के 103 क्लोन एटीएम कार्ड जब्त किए हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों पर धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए आईपीसी और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तरह से कितने लोगों के साथ ठगी की गई।