Lockdown4.0: लॉकडाउन के बीच बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के मैगलगंज इलाके में रहने वाले 50 साल के भानू प्रकाश गुप्ता ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। भानू गुप्ता ने अपनी सुसाइड की वजह बेरोजगारी और गरीबी को बताया था। अब इस मामले में जिले के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने जांच के आदेश दे दिये हैं।
‘आज तक’ की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती तफ्तीश में यह पता चला है कि भानू प्रकाश गुप्ता और उनकी मां के नाम से राशन कार्ड बना हुआ है। भानू को इस महीने 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल और दूसरे शिफ्ट में 5 किलो चावल तथा 1 किलो चना दिया गया था। यहां प्रशासन ने कहा है कि भानू के घर में खाने की कोई कमी नहीं थी। लिहाजा अब प्रशासन इस सुसाइड केस में अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है।
आपको बता दें कि भानू प्रकाश गुप्ता होटल स्टाफ के तौर पर काम करते थे। लेकिन हाल ही में उनकी नौकरी चली गई थी। जिसके बाद उन्होंने ट्रेन के आगे छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली थी। भानू प्रकाश ने अपनी मौत के लिए गरीबी और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराते हुए सुसाइड नोट लिखा था। भानू प्रकाश ने लिखा था कि ‘मैं गरीबी और बेरोजगारी की वजह से सुसाइड कर रहा हूं।
मैंने गेहूं और चावल राशन कोटा से हासिल किया था। लेकिन दूध, चीनी, सब्जी, तथा अन्य सामान मुझे उधार नहीं मिल रहा। मुझे खांसी है और शरीर में दर्द भी तथा चलने के दौरान सांस लेने में तकलीफ भी हो रही है।
मेरी विधवा मां पिछले 2 साल से बुखार और खांसी से परेशान हैं। लॉकडाउन को फिर से बढ़ा दिया गया था और मुझे नौकरी नहीं मिल रही है। ना तो सरकार ने मेरी कोई मदद की और ना ही स्थानीय प्रशासन ने मेरी सुध ली। मेरे अंतिम संस्कार के लिए भी हमारे पास पैसे नहीं होंगे।’
मैगलगंज स्टेशन के पास सुसाइड करने से पहले भानू प्रकाश गुप्ता ने अपना यह सुसाइड नोट छोड़ा था। अब प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं। पुलिस को यह भी शक है कि यह युवक मानसिक रुप से अवसाद से ग्रसित था।

