पुणे के बोपदेव घाट गैंगरेप मामले में पुलिस के जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में ये बात सामने आई कि तीन आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ित महिला और उसके दोस्त से चाकू की नोक पर लूटपाट की थी। गैंगरेप से पहले आरोपियों ने उनका कीमती सामान लूट लिया था।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबित पुलिस ने 21 वर्षीय युवती से गैंगरेप के आरोपी तीन लोगों का सुराग पाने के लिए विभिन्न जगहों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इकट्ठा कर लिए हैं।

हालांकि, पुलिस मुख्य रूप से उस फुटेज पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसमें तीन युवक बोपदेव घाट और आसपास के इलाकों में एक साथ घूमते दिख रहे हैं। एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है जिसमें एक बाइक पर तीन लोग एक साथ दिख रहे हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वायरल क्लिप इकट्ठा की गई कई सीसीटीवी फुटेज में से एक है जिसकी जांच की जा रही है। यह निश्चित नहीं है कि वीडियो में दिखाई देने वाले संदिग्ध अपराध में शामिल हैं या नहीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से 70 से 80 किलोमीटर की सड़कों पर सौ से अधिक स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच की जा रही है।

पुलिस के अनुसार, महिला और उसका 22 वर्षीय दोस्त, दोनों कॉलेज छात्र, जो पुणे के मूल निवासी नहीं हैं, गुरुवार रात दोनों बाइक पर बोपदेव घाट इलाके में गए थे।

इसी दौरान रात करीब 11 बजे तीन लोग अपनी बाइक पर वहां आए और कथित तौर पर उन्हें चाकू दिखाकर लूटपाट की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने युवती के दोस्त को उसकी ही शर्ट और बेल्ट से बांध दिया। इसके बाद आरोपी महिला को एक सुनसान इलाके में खींच ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया।

इधर, आरोपी के घटनास्थल से चले जाने के बाद पीड़िता अपने दोस्त के पास लौट आई और उसे रिहा किया। रिहा होने पर उसने पीड़िता को एक निजी अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, यह एक मेडिको-लीगल मामला था, निजी अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें सरकारी ससून जनरल अस्पताल जाने के लिए कहा, जहां डॉक्टरों ने पुणे पुलिस को सूचना दी।

बता दें कि घटना की सूचना शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे पुलिस को दी गई थी। मामले की एफआईआर शुक्रवार सुबह कोंढवा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैंगरेप और डकैती व भारतीय शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच में पुलिस की 60 टीमें लगी हुई हैं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा “3,000 से अधिक मोबाइल फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड पर 200 से अधिक अपराधियों का सत्यापन किया जा रहा है”।