विवादित बिजनेसमैन और पत्रकार जीतू सोनी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया है। इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जीतू सोनी को पकड़ा है। कई केस दर्ज होने के बाद जीतू सोनी पिछले कई महीनों से फरार था। क्राइम ब्रांच की टीम ने जीतू सोनी के भाई को भी गिरफ्तार किया है। जीतू सोनी का भाई भी कई मुकदमों में आरोपी है। बताया जा रहा है कि गुजरात के एक फार्म हाउस से करीब चार दिनों पहले जीतू सोनी के भाई को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त पुलिस ने दावा किया था कि जीतू बच गया था और गुजरात में ही कही छिप गया था।
‘The Indian Express’ से बातचीत करते हुए DIG हरिनारायणचारि मिश्रा ने कहा कि जीतू सोनी को रविवार (28-06-2020) की सुबह गुजरात से इंदौर लाया गया है। उन्होंने जानकारी दी है कि जीतू के खिलाफ 45 केस दर्ज हैं। इस बात की आशंका है कि गिरफ्तार होने के बाद जीतू के भाई महेंद्र सोनी ने ही पुलिस को बताया था कि उसका भाई जीतू कहां छिपा हो सकता है? जीतू को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की कई टीमें गुजरात में कैंपेन कर रही थीं।
रंगदारी मांगने, ब्लैकमेलिंग करने, मानव तस्करी और फर्जीवाड़ा समेत कई चार्ज इंदौर पुलिस ने जीतू पर लगाए हैं। 60 साल के जितेंद्र उर्फ जीतू पर अलग-अलग थानों में कई केस दर्ज हैं। जीतू ने अपने Tabloid, Sanjha Lokswami में हनीट्रैप को लेकर कई कहानियां छापी थीं। जिसके कुछ ही दिनों बाद प्रशासन ने उसके कई बंगले और होटलों को धाराशायी कर दिया था और दावा किया था कि यह सभी अवैध निर्माण थे।
मध्य प्रदेश में पिछली कमलनाथ सरकार द्वारा सोनी के खिलाफ कई मामले दर्ज किये गये थे। राज्य में कमलनाथ सरकार ने शिवराज सिंह चौहान और उनके टॉप सलाहकारों और बीजेपी नेताओं की लड़कियों से हुई कथित बातचीत को अखबार में छापने के बाद जीतू सोनी के खिलाफ एक्शन लिया था। जीतू सोनी ने बातचीत का ऑडियो अपने अखबार के यूट्यूब चैनल पर भी जारी कर दिया था। कहा जाता है कि जीतू ने शिवराज सिंह चौहान समेत कई अफसरों और नेताओं को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी।
मध्य प्रदेश पुलिस ने उस इनाम भी घोषित किया था। मध्य प्रदेश में पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय 31 नवंबर 2019 को पुलिस ने पहली बार उसके होटल माय होम सहित अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। तब जीतू सोनी फरार हो गया था। तब से पुलिस उसके तलाश में जुटी हुई थी। कहा जाता है कि फरारी के दौरान वो पश्चिम बंगाल और नेपाल भी गया था।
