यूपी के लखनऊ में में महिला ASP के इकलौते बेटे को कार से रौंदने वालों का पुलिस ने पता लगाकर गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी बड़े हाईफाई घर से संबंध रखते हैं। एक आरोपी सपा नेता का बेटा है तो दूसरा सराफा व्यापारी के परिवार से संबंध रखता है। घटना के वक्त दोनों रेस लगा रहे थे। जब हादसा हुआ तो उनके कार की रफ्तार 150 KM की स्पीड पर थी।
मामले में डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि घटना सुबह लगभग 5:30 बजे गोमती नगर के विस्तार इलाके के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास हुई। लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव अपने 10 साल के बेटे नमिश के साथ सुबह टहलने के लिए निकलीं थीं। उसी दौरान नमिश जनेश्वर मिश्र पार्क के पास अपनी स्केटिंग की प्रेक्टिस कर रहा था। उसी समय तेज रफ्तार कार ने उसे रौंद दिया।
महिला अधिकारी के सामने ही बेटे को कुचला
महिला एएसपी के सामने ही उनका बेटे को कुचल दिया गया। वे दौड़ती हुईं बेटे के पास पहुंची। उन्होंने तुरंत घटना की सूचना पहचान वालों को दी। बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत से परिवार के लोग सजमे में हैं।
मामले में डीसीपी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। जिसके आधार पर कार का पता लगाया था। सफेद रंग की एसयूवी थी। फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पहचान सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी घटना के समय रेस लगा रहे थे। वे तेज स्पीड में कार चला रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी सार्थक के पिता रविंद्र सिंह बाराबंकी जिले के रामनगर में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वहीं दूसरे आरोपी देवश्री के चाचा अंशुल वर्मा कानपुर के जाने-माने सराफा कारोबारी हैं। जानकारी के अनुसार, देवश्री अपने चाचा की गाड़ी लेकर आया था।
फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। अभी उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।