गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया के साथ दो अन्य लोगों मोनू डागर और हरप्रीत सिंह को कांग्रेस नेता अशोक धमीजा के भाई और भतीजे पर गोलीबारी के 2021 के मामले में शनिवार को मोगा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विक्रांत कुमार की अदालत में पेश किया गया। बिश्नोई, डागर और सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच मोगा न्यायिक परिसर में लाया गया। वहीं भगवानपुरिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।
बिश्नोई को बठिंडा जेल से अदालत लाया गया और वापस भेजा गया
अदालत ने चारों के खिलाफ हत्या के प्रयास और अन्य अपराधों के लिए आरोप तय किए और मामले की सुनवाई को 27 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया। मोगा के एसएसपी जे एलनचेझियन ने बाद में कहा कि बिश्नोई को बठिंडा जेल से अदालत लाया गया और बाद में वापस भेज दिया गया। 1 दिसंबर, 2021 को बिश्नोई गिरोह के एक कथित शार्पशूटर और हरियाणा के सोनीपत के मूल निवासी डागर ने मोगा में नानक नगरी निवास के बाहर अशोक धमीजा के भाई सुनील धमीजा और उनके बेटे प्रथम पर कथित तौर पर गोलियां चलाई थीं।
दो जिगाना ईगल पिस्तौल से लैस होकर बाइक से पंहुचे थे हमलावर
पुलिस के अनुसार, डागर अपने साथी के साथ दो जिगाना ईगल पिस्तौल से लैस बाइक पर आया था और सुनील को जतिंदर धमीजा (अशोक धमीजा का दूसरा भाई) समझकर गोलियां चला दीं। मोगा शहर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 22 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
वारदात को अंजाम देने के लिए लखनऊ से आया था डागर
पुलिस ने डागर की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से 9 एमएम की पिस्तौल और 1,000 नशीली गोलियां बरामद करने का दावा किया था। जांचकर्ताओं ने दावा किया कि डागर ने अपराध को अंजाम देने के लिए लखनऊ से पूरी यात्रा की थी। डागर के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती और अन्य अपराधों के लिए कम से कम दस और एफआईआर दर्ज की गईं।