ललितपुर में किशोरी के साथ थाने में हुए दुष्कर्म का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर से खाकी शर्मसार हुई है। मामला महरौनी थाने से जुड़ा हुआ है, जहां केवल तांत्रिक के कहने पर पुलिस ने युवती को चोरी का आरोपी मान लिया। इस केस में बात यहां तक ही खत्म नहीं हुई, बल्कि थाने के मुंशी व महिला दारोगा ने अपराध कबूलने के लिए दबाव बनाया और रातभर बंद कमरे में निर्वस्त्र कर बेल्टों से पीटा।

जानकारी के अनुसार, यह घटना महरौनी थाने के अंतर्गत आने वाले डाकघर इलाके की है। जिसमें मोहल्ला खरवांचपुरा में रहने वाली युवती पूजा (30) थाने में मुंशी पद पर तैनात पुलिसकर्मी अंशु पटेल के घर में खाना बनाने और झाड़ू-पोछा का काम करती है। उसने डाकखाने के पास स्थित मुंशी के मकान में बीते 14 अप्रैल से ही काम शुरू किया था। दो मई के दिन खाना बनाने पहुंची पूजा को अंशु की पत्नी ने उसे रोक लिया और फिर उसे (अंशु) को बुला लिया।

अंशु अपने साथ महिला दारोगा पारुल चंदेल को भी लेकर पहुंचा और घर में हुई चोरी के संबंध में पूछताछ शुरू की। पूजा ने खुद को निर्दोष बताया तो दोनों पुलिसकर्मियों ने रात आठ बजे से उसे कमरे में बंद कर निर्वस्त्र कर बेल्टों से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान उस पर लगातार पानी की बौछार की जा रही थी, वह मिन्नतें करती रही लेकिन पुलिसकर्मी नहीं मानें। अंशु ने चोरी कबूल करने की धमकी देते हुए गालियां भी दीं।

युवती पूजा ने बताया कि मारपीट के दौरान अंशु ने कहा कि एक तांत्रिक ने बताया है कि चोरी उसी ने की है। इस घटना के बाद थाने में भी युवती और उसके बीमार पति के साथ मारपीट की गई। पति को कोतवाली में बंद कर दिया गया। जब पुलिसकर्मियों ने महिला की हालत गंभीर देखी तो मामले को रफा-दफा करने के लिए पारिवारिक विवाद में दोनों का धारा 151 में चालान कर दिया।

मामले में जब मुंशी अंशु पटेल से बात की गई उसने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। पीड़िता अपनी शिकायत लेकर एसपी कार्यालय भी पहुंची थी। हालांकि, डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि थाना महरौनी पुलिस द्वारा एक महिला के साथ मारपीट करने का मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी। पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा।