Unnao Rape Case, Mla Kuldeep Singh Sengar: देश की ‘सुप्रीम’ अदालत ने साफ कर दिया है कि उन्नाव रेप केस से जुड़े जितने भी मामले लखनऊ में चल रहे हैं वो सभी बाहर ट्रांसफर किए जाएंगे। सभी केसों को दिल्ली की अदालत में शिफ्ट किया जाएगा। इतना ही नहीं अदालत ने पीड़िता की चिट्ठी का समय पर ना मिलने पर सख्ती दिखाई। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि PIL के सेक्शन में पीड़िता की चिट्ठी क्यों नहीं आई? जिसपर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि हर महीने रजिस्ट्रार के पास 6000 से अधिक चिट्ठी आती हैं, इस महीने 6800 चिट्ठियां आई थीं। इधर भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे मामले के सबसे अहम आरोपी और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। रेप केस के 2 साल पुराने इस मामले में अब तक कई मोड़ आए हैं। हम आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि अब तक इस केस में क्या-क्या हुआ।
4 जून 2017: आरोप लगा कि नौकरी का झांसा देकर BJP MLA कुलदीप सिंह सेंगर ने उन्नाव स्थित अपने घर में लड़की के साथ दुष्कर्म किया।
11 जून 2017: पीड़ित लड़की अचानक गायब हो गई और उसके परिवार वालों ने एक शिकायत दर्ज कराई।
20 जून 2017: लड़की औरैया जिले के एक गांव में मिली। यहां से उसे वापस उन्नाव लाया गया।
22 जून 2017: लड़की ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने भाजपा विधायक का नाम लेने से उसे रोका था।
3 जुलाई 2017: वो दिल्ली अपने चाचा के घर आ गई और उसने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उसे काफी परेशान किया है। लड़की के परिवार वालों ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखकर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
24 फरवरी 2018: पीड़िता की मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए मांग की कि सेंगर और उसके भाई का नाम एफआईआऱ में दर्ज होना चाहिए।
3 अप्रैल 2018: कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर ने पीड़ित लड़की के पिता की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद विधायक के भाई ने केस दर्ज कराया और पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट में जेल भेज दिया गया।
8 अप्रैल 2018: मामला उस वक्त उजागर हुआ जब पीड़िता ने सीएम योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि पिछले साल एमएलए ने लड़की के साथ बलात्कार किया।
9 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। आरोप लगा कि पुलिस वालों ने उसके पिता को काफी प्रताड़ित किया था।
10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को पीटने के आरोप में अतुल सिंह सेंगर को यूपी क्राइम ब्रांच की टीम ने उनके चार साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया। अतुल पर धारा 304, 323 और धारा 504 के तहत केस दर्ज किया गया।
11 अप्रैल 2018: पीड़िता ने लखनऊ के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राजीव कृष्ण से संपर्क कर जांच की मांग की। इसके बाद पीड़िता के पिता की मौत की जांच के लिए स्पेशल जांट टीम बनाई गई। उन्नाव पुलिस ने माखी पुलिस स्टेशन में तीन केस दर्ज किए। हालांकि जनता के दवाब के बीच राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
7 जुलाई 2018: उन्नाव केस में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल करते हुए सीबीआई ने 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसमें सेंगर के भाई भी शामिल थे।
4 जुलाई 2019: पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक मामले में सजा सुनाई गई। हत्या के प्रयास से जुड़े इस मामले में उन्हें 10 साल की सजा हुई। यह केस सेंगर के भाई ने किया था।
28 जुलाई 2019: रायबरेली के पास गुरुबख्शगंज इलाके में एक सड़क हादसे में पीड़िता तथा उसके रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची का देहांत हो गया। पीड़िता और उसके वकील को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
29 जुलाई 2019: इस सड़क हादसे को लेकर भाजपा एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर समेत 29 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
30 जुलाई 2019: पीड़िता के चाचा को अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में जाने के लिए अदालत से परोल मिला।
31 जुलाई 2019: पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार किया गया।
01 अगस्त 2019: भाजपा ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े सभी केस यूपी से बाहर ट्रांसफर करने के निर्देश दिए।

