केरल की एक अदालत ने अलुवा में बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में दोषी को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। लोक अभिययेजक जी मोहनराज ने बताया कि विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत के न्यायाधीश के. सोमन ने बिहार के रहने वाले पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के दोषी आलम को मौत की सजा देने का फैसला किया। अभियोजक ने बताया कि केरल उच्च न्यायालय से पुष्टि के बाद मौत की सजा दी जाएगी।

इस फैसले के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि बाल दिवस पर मामले में दी गई सजा को बच्चों के खिलाफ हिंसा करने वालों के लिए कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्ची जघन्य अपराध का शिकार हुई और इसलिए पूरी आपराधिक न्याय प्रणाली ने अपराधी को पकड़ने और उसके लिए अधिकतम सजा सुनिश्चित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम किया।

विजयन ने आगे कहा कि माता-पिता को जो क्षति हुई उसकी भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन सरकार ने उन्हें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एम आर अजित कुमार ने भी दोषी को दी गई सजा पर संतोष व्यक्त किया। सजा सुनाए जाने के बाद अदालत के बाहर कुमार ने मीडिया से कहा कि यह एक ऐसा मामला था जिसने केरल की अंतरात्मा को झकझोर दिया था।

100वें दिन आरोपी को दोषी ठहराया गया

अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘यह दुर्लभतम मामलों में से एक है और अभियोजन पक्ष इसे सफलतापूर्वक साबित करने में सक्षम रहा। जांच 30 दिनों में पूरी की गई। घटना के 100वें दिन आरोपी को दोषी ठहराया गया और आज 110वां दिन है। यह आपराधिक न्याय प्रणाली की मजबूती को दिखाता है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, जिस समय दोषी आलम को सजा सुनाई गई उस वक्त बच्ची के माता-पिता अदालत में ही मौजूद थे। आलम को चार नवंबर को दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है और इसलिए दोषी को मौत की सजा दी जानी चाहिए। इसने कहा था कि सजा पर बहस के दौरान, आलम ने अदालत में दावा किया था कि अन्य आरोपियों को छोड़ दिया गया तथा केवल उसे ही मामले में पकड़ा गया और इसके अलावा उसने कोई अन्य दलील नहीं दी। अदालत ने आलम को आरोपपत्र में लगाए गए सभी 16 अपराधों का दोषी पाया था। अभियोजन पक्ष ने पूर्व में कहा था कि 16 में से पांच अपराधों में मौत की सजा का प्रावधान है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 28 जुलाई को बच्ची का उसके किराए के घर से अपहरण कर लिया गया था और फिर दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई थी। बच्ची का शव पास के अलुवा में एक स्थानीय बाजार के पीछे दलदली इलाके में फेंक दिया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषी को गिरफ्तार किया गया था।