Karnataka News: कर्नाटक के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने सोमवार को इस बात की जांच के आदेश दिए कि कैसे अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पिछले एक साल से सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए एक हेल्पलाइन चलाने वाले कर्मचारी को 4 लाख रुपये का मासिक वेतन दिया। यह वेतन कर्नाटक के मुख्य सचिव को मिलने वाली सैलरी से भी ज्यादा है। उस दौरान राज्य में भाजपा का शासन था।
कौन है जो कर्नाटक के मुख्य सचिव से अधिक वेतन प्राप्त कर रहा है?
कांग्रेस सरकार में आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों को संभालने वाले जमीर अहमद खान ने समीक्षा बैठक के बाद पूछा, “जब हर साल 2.5 करोड़ रुपये (नियमित) हेल्पलाइन के लिए खर्च किए जा रहे हैं, तो एक अलग हेल्पलाइन होने का क्या फायदा और यह व्यक्ति कौन है जो कर्नाटक के मुख्य सचिव से अधिक वेतन प्राप्त कर रहा है?” उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया, “जांच करें कि इतना बड़ा वेतन क्यों दिया गया और मुझे जल्द से जल्द एक रिपोर्ट चाहिए।”
अल्पसंख्यकों के लिए नए छात्रावासों के निर्माण का आदेश
जमीर खान ने पिछली सरकार के पांच वर्षों में विभाग के तहत किए गए कार्यों का विवरण भी मांगा और अल्पसंख्यकों के लिए नए छात्रावासों के निर्माण का आदेश दिया। उन्होंने कहा, “हम 18,800 अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 27 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जो पहले छात्रावास में आवास पाने में असमर्थ थे।” उन्होंने अधिकारियों से इन छात्रावासों के निर्माण के लिए भूमि की पहचान करने को कहा। मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चे खासकर उनके उच्च अध्ययन के दौरान शिक्षण संस्थानों या कॉलेजों से बाहर न निकलें।
बेंगलुरु में हज भवन को प्रशिक्षण केंद्र में बदलने का निर्णय
विभाग के अधिकारियों ने जब जमीर अहमद खान को बताया कि 126 ‘शादी मॉल’ (मुख्य रूप से विवाह के लिए सम्मेलन केंद्र) को अभी भी पूरा करने की आवश्यकता है और इसके लिए 56 करोड़ रुपये की आवश्यकता है तो उन्हों आश्वासन दिया कि वह धन लाएंगे। इसके साथ ही बैठक के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के उम्मीदवारों के लिए बेंगलुरु में हज भवन को एक प्रशिक्षण केंद्र में बदलने का भी निर्णय लिया गया।