कानपुर हिंसा मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने खुलासा किया है कि बिल्डर हाजी वसी और मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी ने संपत्ति बेच कर शहर में 3 जून की हिंसा में दंगाइयों को फंड किया था। हिंसा की जांच में सामने आया है कि इन दोनों (हाजी वसी और जफर हयात हाशमी) ने संपत्ति बेचकर 1.30 करोड़ रुपये जुटाए थे।

निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद देश भर में तनाव का माहौल बन गया था। इसी कड़ी में कानपुर में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद पुलिस जांच में सामने आया था कि हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ था और फिर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी और बिल्डर हाजी वसी को गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में लोक अभियोजक दिनेश अग्रवाल ने मामला दर्ज कराया है। एसआईटी की जांच के मुताबिक, कानपुर हिंसा में उपद्रवियों को हिंसा फैलाने के लिए पैसे दिए गए थे। केस डायरी में कहा गया है कि पथराव करने वालों को कथित तौर पर 500 रुपये और 1,000 रुपये दिए गए थे। जबकि दंगों के दौरान पेट्रोल बमों का इस्तेमाल करने वालों को कथित तौर पर 5,000 रुपये का भुगतान किया गया था।

एसआईटी को यह भी पता चला है कि हाजी वसी ने दंगाइयों को पैसे देने के लिए हंगामे से एक दिन पहले 34 लाख रुपये की दो संपत्तियां बेची थीं। इस बारे में एसआईटी और अधिक जानकारी जुटा रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि हाजी वसी ने इससे पहले तीन अन्य संपत्तियां बेची थीं, जिनमें से एक की कीमत 35 लाख रुपये (2 अप्रैल), दूसरे की कीमत 17 लाख रुपये (7 फरवरी) और तीसरे की कीमत 16.75 लाख रुपये (20 दिसंबर) थी।

जांच के मुताबिक, 35 लाख रुपये में जमीन 2 अप्रैल को, 17 लाख रुपये वाली संपत्ति 7 फरवरी और 16.75 लाख रुपये की कीमत वाली जमीन को 20 दिसंबर को बेचा गया था। जबकि दूसरी ओर, हाशमी ने 24 मई को 14 लाख रुपये, 11 जनवरी को 10 लाख रुपये और 10 दिसंबर को 7 लाख रुपये की संपत्तियां बेची थीं। पुलिस ने इन सभी संपत्तियों की जांच के लिए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है।

एसआईटी ने यह भी कहा कि कानपुर हिंसा में शामिल होने वाले बदमाशों को सात से नौ दिनों की ट्रेनिंग दी गई थी और यह आश्वासन दिया गया था कि यदि वह पकड़े जाते हैं तो बाद में मुफ्त कानूनी सहायता भी दी जाएगी। गौरतलब है कि कानपुर में 3 जून को परेड और नई सड़क के आसपास के इलाकों में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी थी, अब तक इस मामले में 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।