Lucknow Kamlesh Tiwari Murder Case: यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की चौंकाने वाली दिनदहाड़े हत्या के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार को कहा कि मामले के सिलसिले में गुजरात के सूरत से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। तीनों को उत्तर प्रदेश पुलिस, उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने हिरासत में लिया। पकड़े गए आरोपियों में सभी 22 से 25 साल के बताए जा रहे हैं। 

क्या करते हैं पकड़े गए आरोपी: यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि पकड़े गए 24 वर्षीय मौलाना मोहसिन शेख सलीम गुजरात के सूरत से है और वह एक साड़ी की दुकान पर काम करता हैं। वहीं 21 वर्षीय फैजान सूरत में ही एक जूते की दुकान पर काम करता है। जबकि खुर्शीद अहमद पठान पेशे से एक दर्जी है और कंप्यूटर का जानकार है। इन्हें कमलेश तिवारी के हत्या के मामले में हिरासत में लिया गया है।

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डीजीपी ने दी अहम जानकारी: मीडिया को संबोधित करते हुए, डीजीपी ओपी सिंह ने बताया, “यूपी और गुजरात पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (21) और खुर्शीद अहमद पठान (23) को हिरासत में लिया है।” सिंह ने कहा कि शुरू में सूरत से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था। हालांकि बाद में दो को छोड़ दिया गया। यूपी डीजीपी ने कहा, “उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि दो अन्य साजिशकर्ताओं की तलाश जारी है। जो दो लोग रिहा किए गए वे खुर्शीद अहमद पठान के भाई और गौरव तिवारी थे। जो सूरत के निवासी हैं।

गौरव को छोड़ा: यूपी डीजीपी के अनुसार, गौरव तिवारी ने कुछ दिनों पहले कमलेश तिवारी को फोन किया था और हिंदू समाज पार्टी में शामिल होने और सूरत और अन्य स्थानों में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने की इच्छा व्यक्त की थी।
तो इसलिए हुई थी हत्या: डीजीपी ने कहा पहली नजर में ऐसा लगता है कि तिवारी की हत्या 2015 में उनके द्वारा विवादास्पद बयान के कारण की गई थी, लेकिन बाकी अपराधियों की पकड़ में आने पर बहुत कुछ सामने आ सकता है। यूपी डीजीपी ने कहा, “अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन के साथ कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है। हम सभी कोणों पर गौर कर रहे हैं।”