झारखंड के बोकारो में महिला के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। यहां एक पति ने बच्चा नहीं होने के कारण दूसरी शादी कर ली। वो यहीं नहीं रुका दूसरी शादी के बाद उसने अपनी पहली पत्नी के अपने घर के आउट हाउस में कैद कर दिया। महिला बीते कई साल से उसी कमरे में कैद थी। हालांकि, आठ अक्टूबर को पुलिस ने उसे जालिम पति की चंगुल से रिहा कराया।
सालों से एक ही कमरे में बंद रहने के कारण उसकी शारीरिक और मानसिक क्षमता बिगड़ गई है। हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के अनुसार बोकारो में महिला पुलिस की टीम ने सेक्टर चार पुलिस की मदद से सालों के एक ही कमरे में कैद अनीता मिश्रा को मुक्त कराया है।
धीरे-धीरे गेट तक पहुंची महिला
पुलिस की मानें तो जब वो सूचना पाकर महिला को रिहा कराने पहुंची तो वो आउट हाउस के एक अंधेरे कमरे में काफी दयनीय स्थित में कोने में बैठ कर सिसक रही थी। जब पुलिस ने टॉर्च जलाई तो रोशनी देख वो जोर-जोर से चीखने लगी। हालांकि, जब पुलिस ने उसे भरोसा दिलाया कि वो उसे रेस्क्यू करने आई है तो वो धीरे-धीरे कमरे की गेट तक पहुंची।
ऐसे में पुलिस ने गेट का ताला खोलकर उसे कमरे से बाहर निकाला। उसकी स्थिति ठीक नहीं थी, ऐसे में पहले उसका प्राथमिक उपचार किया गया और फिर थाने ले जाकर उसके खाने पीने का प्रबंध किया गया।
पुलिस की मानें तो यूपी के गोरखपुर के बिछिया गांव की रहने वाली अनीता मिश्रा की शादी साल 2009 में गौतम मिश्रा के मूक बधिर बेटे अरुण मिश्रा से हुई थी। शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि बच्चा नहीं होने के कारण गौतम की दूसरी शादी करा दी गई और अनीता को घर के ही छोटे से कमरे में नजरबंद कर दिया गया।
घरवाले केवल उसे घर का काम कराने के लिए बाहर निकालते और दिनभर नौकरों की तरह काम कराने के बाद उसे फिर से उसी कमरे में बंद कर देते। फिलहाल पुलिस ने अनीता के पति को हिरासत में ले लिया है, जिससे सेक्टर चार की पुलिस मूक बधिर तरीके के पूछताछ कर रही है।
घटना के संबंध में सिटी डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि जब उन्हें इस अमानवीय घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने महिला और सेक्टर चार थाना पुलिस की ज्वॉइंट टीम बनाकर कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर कमिश्नर से इस संबंध में बात की गई है। उनके माध्यम से अनीता के माता-पिता को सूचना देने की कोशिश की जा रही है।