Jhansi Police Encounter: उत्तर प्रदेश के झांसी में पुष्पेंद्र यादव नाम के युवक की कथित मुठभेड़ में हत्या के बाद सियासी घमासान जारी है। विपक्षी दल लगातार बीजेपी की योगी सरकार और यूपी पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर मामले में एक एफआईआर दर्ज करने के साथ ही मृतक पुष्पेंद्र के भाई रविंदर और विपिन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया जब रविंदर ने दावा किया कि उसके पास इस बात का सबूत है कि वह मुठभेड़ के समय झांसी में नहीं बल्कि दिल्ली में था। जबकि पुलिस का आरोप है कि एनकाउंटर वाले दिन रविंदर और विपिन ने मोठ पुलिस स्टेशन के एसएचओ धर्मेंद्र चौहान पर फायरिंग की थी।

पुलिस का आरोप: मृतक पुष्पेंद्र यादव के भाई रविंदर और चचेरे भाई विपिन के खिलाफ एक और एफआईार दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप  लगाया कि उन्होंने मोठ पुलिस स्टेशन के एसएचओ धर्मेंद्र चौहान पर फायरिंग की थी। बता दें कि एनकाउंटर वाले दिन (6 अक्टूबर) ही उन्होंने यादव के ट्रक को जब्त कर लिया था। जिसके कुछ देर बाद यादव की एनकाउंटर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं रविंदर का कहना है कि उस दिन वह डीएमआरसी कर्मचारी के रूप में जेएलएन स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पर अपनी 10 घंटे की शिफ्ट पूरी कर रहा था।
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पुलिस के दावों पर सवाल: रविंदर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि उसके पास DMRC वायलेट लाइन में उनके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किया गया छुट्टी का सर्टिफिकेट भी है। जिसमें 6 अक्टूबर से 31 अक्टूबर की लीव है। रविंदर ने कहा- “मैं CISF में कांस्टेबल हूं। मुझे एक फोन आया जिसमें कहा गया कि मेरे भाई ने एक SHO पर गोली चलाई है। जिसके बाद मैंने यहां अपनी छुट्टी के लिए आवेदन किया और घर वापस चला गया। लेकिन वहां पहुंचने पर मुझे पता चला कि मैं खुद मामले में एक आरोपी हूं, जबकि मैं वहां कभी था ही नहीं और अगर मैं होता तो वे मुझे गिरफ्तार कर लेते।”

पुष्पेंद्र के परिवार का आरोप: मृतक पुष्पेंद्र के परिवार ने रविवार को दावा किया कि यादव को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है। इसके बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार करते हुए आरोपी एसएचओ चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बिना बताए पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार भी कर दिया।

पत्नी का बयान: शिवांगी जिसकी 3 महीने पहले ही पुष्पेंद्र से शादी हुई थी ने कहा, “मेरे पति पर बड़ा जुर्माना लगा था। एसएचओ ने उनके ट्रक को जब्त किया और 1 लाख रुपए मांगे। मेरे पति ने नकद राशि का भुगतान किया लेकिन एसएचओ ने उन्हें ट्रक वापस नहीं दिया। उसने 50,000 रुपए और मांगे। लेकिन एसएचओ ने उनको मार दिया। जबकि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।”

अखिलेश यादव पहुंचे घर: इस बीच सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव मृतक के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपी में पुलिस भी लिंचिंग करने लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाथूराम राज है।