Hurriyat Chief Terrorist Son Killed In Encounter: श्रीनगर में हुए मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने 2 आतंकियों को ढेर किया। यहां के डीजीपी दिलबाग सिंह ने खुद बताया कि इस एनकाउंटर में मारा गया एक आतंकी तहरीक-ए-हुर्रियत चीफ और बड़े अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ खान का बेटा जुनैद अशरफ खान है। करीब 2 साल पहले आतंकियों के पसंदीदा हथियार AK-47 को खुलेआम लहरा कर सुर्खियों में आया जुनैद खूंखार आतंकी संगठन हिज्बुल का टॉप कमांडर बन चुका था।
पिता बने हुर्रियत चीफ बेटा बना आतंकी: साल 2018 में 28 साल की उम्र में जुनैद अशरफ खान ने हिज्बुल ज्वायन किया था। खास बात यह है कि उसके आतंकी संगठन ज्वायन करने से दो दिन पहले ही उसके पिता मोहम्मद अशरफ खान तहरीक-ए-हुर्रियत के चीफ बने थे।
यह पहला मौका था जब किसी वरिष्ठ अलगाववादी नेता के बेटे ने कश्मीर में आतंकी संगठन ज्वायन किया था। बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत साल 2004 में बना था। इसके संस्थापक सैयद अली गिलानी थे। उस वक्त मोहम्मद अशरफ खान संगठन के सचिव थे।
मोबाइल बनवाने घर से निकला था जुनैद: साल 2018 में मार्च के महीने में जुनैद के भाई राशिद अशऱफ अचानक सदर पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को उस वक्त बताया था कि उनका छोटा भाई 2 दिनों से लापता है।
पुलिस को जुनैद के घरवालों ने बताया कि जुनैद घर से मस्जिद में नमाज अदा करने गया था और उसने घरवालों को बताया था कि वो शाम को मोबाइल बनवाने के बाद घर वापस आएगा। लेकिन उसके वापस नहीं आने के बाद परिवार वालों ने थाने में केस दर्ज कराया था।
AK-47 के साथ तस्वीर हुई थी वायरल: अगले ही दिन जुनैद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस तस्वीर में वो AK-47 हाथ में लहराता नजर आय़ा था और पता चला था कि उसने खूंखाार आतंकी सगंठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन ज्वायन कर लिया है।
MBA की डिग्री की थी हासिल: श्रीनगर के भगत इलाके में रहने वाले जुनैद ने कश्मीर विश्वविद्यालय से MBA की डिग्री हासिल की थी। हालांकि उसका जन्म कुपवाड़ा के टिकीपोरा गांव में हुआ था।
खूंखार आतंकी मन्नान वानी भी इसी गांव का रहने वाला था और बताया जाता है कि कभी इन दोनों के बीच गहरी दोस्ती भी थी।

