Islamic State Terrorism News: अमेरिका में भारतीय अमेरिकी व्यक्ति पर सीरिया में कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की महिलाओं को पैसे भेजने का आरोप लगाया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एक 33 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति पर अमेरिकी राज्य वर्जीनिया में इस्लामिक स्टेट की महिलाओं को हजारों डॉलर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया गया है। यह रकम उन महिलाओं को सीरियाई शरणार्थी शिविर से बाहर निकाले जा सकने के मकसद से जुटाया जा रहा था।

ऑनलाइन हिंसक जिहाद के लिए किया समर्थन

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद अजहरुद्दीन छीपा ने सीरिया में अल-होल शरणार्थी शिविर में इस्लामिक स्टेट की महिलाओं के लिए धन जुटाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और ऑनलाइन हिंसक जिहाद के लिए अपना समर्थन दिया। एफबीआई फाइलिंग (FBI Filing) का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 में छीपा ने सीरिया में अल-होल शरणार्थी शिविर में “बहनों” के लिए धन जुटाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना शुरू किया।

छीपा के घर की तलाशी में काफी आपत्तिजनक सामान

एफबीआई ने कहा कि सीरिया में अल-होल शरणार्थी शिविर को “आईएसआईएस विचारधारा का गढ़ माना जाता है।” ऑनलाइन रकम जुटाए जाने की वजह उन सबके लिए “आश्रय” तैयार करना था। एफबीआई ने कहा कि साल 2019 में छीपा के घर की तलाशी के दौरान “चरमपंथी विचारधारा, जिहाद, आईएसआईएस और कई उपकरणों पर हिंसक प्रचार के बारे में हजारों वीडियो, चित्र, लेख, किताबें, नोट्स और सर्च हिस्ट्री” बरामद किए गए।

क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल फंड में ट्रांसफर की मदद

रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्रवार को वर्जीनिया की एक अदालत में शुरुआती पेशी के बाद जेल में बंद छीपा को 20 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। साल 2019 से 2022 तक संघीय एजेंसी द्वारा प्राप्त छीपा के वित्तीय रिकॉर्ड के अनुसार, उसने क्रिप्टो करेंसी में 172,000 अमेरिकी डॉलर की खरीदारी की और दूसरों से 15,000 अमेरिकी डॉलर का डिजिटल फंड इकट्ठा किया।

पेमेंट प्लेटफॉर्म पेपाल ने मार्च 2021 में ब्लॉक किया था अकाउंट

एफबीआई ने एक अदालती फाइलिंग में कहा कि 18,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक कथित रूप से “सीरिया में स्थित आईएसआईएस महिलाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले अकाउंट में चला गया”, जबकि छीपा की ओर से आईएस महिलाओं को शिविर से बाहर निकालने के लिए भेजा गया कुल धन बहुत अधिक हो सकता है। पेमेंट प्लेटफॉर्म पेपाल ने मार्च 2021 में उस अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था, जिसके जरिए छीपा को फंड मिला था।

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मैक्सिकन-ग्वाटेमेले सीमा के पास गिरफ्तार किया गया था छीपा

एफबीआई के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि शरणार्थी शिविरों में रखी गई कई महिलाओं की शादी आईएस आतंकियों से हुई थी, जो अमेरिका समर्थित बलों के खिलाफ सीरियाई क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए अपनी लड़ाई में मारे गए या पकड़ लिए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि छीपा को मैक्सिकन-ग्वाटेमेले सीमा के पास एक प्रवासी हिरासत केंद्र में गिरफ्तार किया गया था और 16 अगस्त, 2019 को अमेरिका भेज दिया गया था। हालांकि, एफबीआई ने उसके निर्वासन का कोई उल्लेख नहीं किया।

बुधवार को अगली सुनवाई, छीपा की कैद बढ़ाने पर होगा फैसला

अदालत ने बुधवार को यह निर्धारित करने के लिए सुनवाई निर्धारित की कि आरोपी मोहम्मद अजहरुद्दीन छीपा को लंबित मुकदमे में जेल में रखा जाना चाहिए या नहीं। हालांकि, कानूनी तौर पर छीपा को इस मामले में आने वाले कई वर्षों तक जेल में रखे जाने की सजा दिए जाने की संभावना है।