Coronavirus, Covid-19, India Lockdown: देश कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है और इस जंग के परिणाम अभी आने बाकी हैं। लेकिन उससे पहले इस जंग में गरीब मजदूर बेरोजगारी, भुखमरी और तंगहाली से अब टूट कर बिखरने की कगार पर पहुंच चुके हैं। दो पैसे कमाने की लालच में वो कभी अपने घरों से निकले और सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने लगे। अब लॉकडाउन की वजह से कई मजदूरों की नौकरी चली गई है तो कइयों के पास खाने के लाले पड़ गए हैं लिहाजा वो अपने घरों की तरफ पैदल ही लौट रहे हैं। लेकिन घर वापसी के दौरान भी उनकी लाचारी साफ दिख रही है।
चलते-चलते घिस गईं चप्पलें: पंजाब से पलायन कर रहे मजदूरों की तस्वीरें झकझोर देने वाली हैं। लगातार चलते रहने की वजह से कई मजदूरों के जूते-चप्पल घिस गए थे और जब अंबाला पुलिस ने इन मजदूरों को नेशनल हाईवे पर खदेड़ा तो कइयों के चप्पल टूट गए, भाग-दौड़ में कई मजदूरों के चप्पल छूट गए,।
लेकिन तपती धूप और पुलिस के डंडे इन मजदूरों के हौसलों को कम ना कर सकी। कुछ मजदूरों ने पानी की बोतलों को पैरों में चप्पल की तरह बांध कर पैदल चलना शुरू कर दिया। चिलचिलाती धूप में पैरों में प्लास्टिक की बोतल बांधे सफर पर निकले मजदूरों की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि बाद में स्थानीय विधायक की पहल पर मजदूरों को चप्पलें दी गईं।
‘भूखे मर जाएंगे’: मजदूरों की दुदर्शा की यह कोई पहली तस्वीर नहीं है। ऐसी ही तस्वीर जयपुर में देखने को मिली। यहां बड़ी संख्या में मजदूर घर जाने की आस में सड़कों पर जहां-तहां बैठे नजर आए। काफी इंतजार के बाद जब कोई बस नहीं मिली तो कड़ी धूप में पैदल ही घर की तरफ निकल पड़े। इन मजदूरों का कहना था कि ‘घर में खाने के लिए कुछ नहीं है और फैक्ट्रियां खुल नहीं रही है…घर जाने के लिए पैसा नहीं है, व्यवस्था नहीं है. क्या करें समझ में नहीं आ रहा है, ऐसे तो भूखे मर जाएंगे।’
मजदूरों को 43 डिग्री का टॉर्चर: महाराष्ट्र के नासिक सहित अन्य शहरों की फैक्ट्रियों में काम करने वाले सैकड़ों मजदूर कुछ दिनों पहले 43 डिग्री सेल्सियस गर्मी का टॉर्चर झेल कर उत्तर प्रदेश पहुंचे। अधिकांश मजदूर रीवा औऱ सतना जिलों के थे। करीब डेढ़ हजार किलोमीटर पैदल सफर होने के बावजूद इन मजदूरों के चेहरों पर चिलचिलाती धूप में भी घर जाने की खुशी दिखाई दे रही थी।
3 दिन में 500 किलोमीटर पैदल चले: तेलंगाना में फंसे 27 मजदूर गुरुवार की सुबह दरभा पहुंचे। बताया जा रहा है कि इन सभी ने तीन दिनों तक लगभग 500 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर पूरा किया। सभी मजदूरों को दरभा स्थित मॉडल स्कूल में क्वारन्टाइन में रखा गया है। मजदूरों के मुताबिक कुल 70 ग्रामीण मजदूरी करने तेलंगाना के शमशाबाद शहर में स्थित एक प्लाईवुड कंपनी में गए थे। लॉकडाउन की वजह से सभी मजदूर पैदल अपने घर के लिए निकल गए।
अधूरा रह गया सफर: हजारों दुस्वारियों को पार कर कई गरीब अपने घऱों तक पहुंच गए तो उनके चेहरे पर मुस्कान दिखी लेकन कई गरीब कामगारों का यह सफर अधूरा भी रह गया। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में पाठा गांव के पास ट्रक पलटने से 9 मई की रात 5 मजदूरों की मौत हो गई। एक ट्रक में सवार होकर कई मजदूर उत्तर प्रदेश जा रहे थे, तब ही यह ट्रक सड़क हादसे का शिकार हो गई। इस घटना में 11 लोग घायल हो गए हैं।
हाल ही में महाराष्ट्र के औरंगाबाद से अपने घर मध्य प्रदेश लौट रहे मजदूर जब पैदल चलते-चलते थक गए तब वो ट्रेन की पटरियों पर ही सो गए। जिसके बाद इसी पटरी से अहले सुबह एक ट्रेन गुजरी और 16 मजदूरों को रौंदते हुए निकल गई।

