लद्दाख सीमा पर चीन से चल रही तनातनी के बीच जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिकों से भी देश संघर्ष कर रहा है। नौसेरा सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलीबारी की गई है। सोमवार (21-06-2020) को हुई इस गोलीबारी इंडियन आर्मी के एक जवान शहीद हो गए।
शहीद हुए जवान की पहचान हवलदार दीपक कार्की के तौर पर हुई है। दीपक कार्की Line of Control के पास कलाल में तैनात थे। पाकिस्तान के तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किये जाने के बाद कार्की गोली लगने की वजह से शहीद हो गए।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने सोमवार की अहले सुबह करीब 3.30 मिनट पर एलओसी के पास भारी गोलीबारी कर सीजफायर तोड़ा। छोटे हथियारों से फायरिंग के अलावा पाकिस्तान की तरफ से मोटार्र भी दागे गए हैं। पाकिस्तान की इस कायरता पूर्ण हरकत का भारतीय जवानों ने करारा जवाब दिया है।
जून के महीने में 4 जवान शहीद: जून के महीने में भारतीय सेना के चौथे जवान शहीद हुए है। हवलदार दीपक कार्की से पहले 4 जून को हवलदार P Mathiazhagan राजौरी के सुंदरबानी में पाकिस्तान की कायरना हरकत की वजह से शहीद हो गए थे। 10 जून को भी राजौरी के तारकुंदी सेक्टर में एक जवान शहीद हुए थे और 14 जून को पूंछ जिले में 29 साल के जवान की मौत हुई थी।
20 जवान हुए शहीद: लद्दाख के पास गलवान घाटी में बीती 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीन के भी 40 से ज्यादा जवानों के मरने की खबर थी। ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय सैनिकों ने चीन के 18 सैनिकों को गर्दन तोड़कर ही मार डाला था। वहीं कई चीनी सैनिकों के चेहरे पत्थर से कूच दिए थे, जिससे उन्हें पहचानना भी मुश्किल हो रहा था।
2003 में सीजफायर को लेकर हुआ समझौता: आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच अक्टूबर 2003 में सीजफायर को लेकर समझौता हुआ था। पाकिस्तान हमेशा ही सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है। सीजफायर का उल्लंघन कर सीमा पार से चलने वाली गोलियों की वजह से आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
3,200 बार तोड़ा सीजफायर: पूंछ, राजौरी, जम्मू, बारामूला, कुपवाड़ा औऱ बांदीपोरा जिले के सीमा पर बसे गांवों के लोगों को पाकिस्तान की इस गोलीबारी की वजह से जानमाल का नुकसान अक्सर उठाना पड़ता है। साल 2019 में एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर के उल्लंघन की 3200 घटनाएं हुईं। साल 2018 में इसकी संख्या 1629 थी।