देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी (Biggest Bank Fraud) मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Ltd) और उसके तत्कालीन अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों पर केस दर्ज किया है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

इनके नाम दर्ज हुआ केस: केंद्रीय जांच एजेंसी ने ऋषि कमलेश अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों में शामिल अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (ABG International Private Limited) को भी आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग के कथित अपराधों में केस दर्ज किया है।

साल 2019 में की गई थी शिकायत: सीबीआई ने इस बैंक धोखाधड़ी के मामले में आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, धोखाधड़ी के इस केस में सबसे पहले 8 नवंबर 2019 में बैंकों के संघ द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर 12 मार्च 2019 को जांच एजेंसी ने स्पष्टीकरण भी मांगा था।

बैंकों ने दर्ज कराई थी नई शिकायत: जब सीबीआई ने मार्च, 2020 में धोखाधड़ी के मामले में स्पष्टीकरण मांगा था तो उसके बाद बैंकों ने उसी साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई थी। इसी मामले पर पिछले डेढ़ साल से अधिक समय तक ‘जांच’ करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को एफआईआर दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की। मामले में बताया गया कि एबीजी कंपनी को एसबीआई के साथ 28 बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी थी।

फॉरेंसिक ऑडिट से हुआ खुलासा: अधिकारियों ने बताया कि साल 2012-17 के बीच आरोपियों ने मिलीभगत कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। इसमें आपराधिक विश्वासघात, धन का दुरुपयोग जैसे कृत्य शामिल हैं। इसके अलावा बैंकों द्वारा जारी फंड का इस्तेमाल आवश्यक कामों के अलावा भी प्रयोग में लाया गया था।

इन बैंकों से हजारों करोड़ का फ्रॉड: बैंकों की शिकायत की अनुसार, एबीजी कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से 2925 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके अलावा आईसीआईसीआई (ICICI) से 7089 करोड़, आईडीबीआई (IDBI) से 3634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1614 करोड़, पीएनबी (PNB) से 1244 करोड़, आईओबी (IOB) से 1228 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।