हरियाणा के नूंह जिले में गुरुवार को गोहत्या सहित अन्य कई मामलों के आरोपी दो लोगों के घर तोड़ दिए गए। पुलिस ने कहा कि यह “नूंह पुलिस की ओर से गोहत्या करने वालों के लिए एक चेतावनी थी।” नूंह के पुलिस अधीक्षक (SP) वरुण सिंगला ने कहा कि यह कार्रवाई “अपराध और अवैध गतिविधियों में शामिल बदमाशों” के खिलाफ सरकार द्वारा शुरू किए गए एक विशेष अभियान का हिस्सा थी।

मुबारिक उर्फ ​​तन्ना और खालिद ने नियमों को तोड़कर बनाए थे घर

नूंह पुलिस ने बताया कि पचगांव में जो मकान ढहाए गए वे मुबारिक उर्फ ​​तन्ना और खालिद के थे। पुलिस के मुताबिक मुबारिक ने अवैध संपत्ति अर्जित कर और जिला नगर नियोजन विभाग के नियमों का उल्लंघन कर यह मकान बनाया था। पुलिस ने कहा कि गाय तस्करी के अलावा मुबारिक का नाम चोरी, लूट, डकैती आदि सहित 10 अन्य मामलों में भी था। उसके खिलाफ ये मामले गुड़गांव, रोहतक, नूंह और टौरू सहित विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज थे।

कार्रवाई से पहले आरोपियों के परिजनों को नियम के अनुसार नोटिस

वहीं, खालिद पर टौरू सदर पुलिस स्टेशन में चोरी और गोहत्या सहित कई आरोपों के तहत पांच मामले दर्ज किए गए हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। दोनों आरोपियों के मकानों को ढहाए जाने के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल मौजूद था। टौरू डीएसपी जयप्रकाश यादव, सदर थाना प्रभारी संदीप मोर और जिला नगर नियोजन अधिकारी बिनेश कुमार भी मौके पर थे। पुलिस ने बताया कि घर तोड़ने की कार्रवाई से पहले आरोपियों के परिजनों को नियमानुसार नोटिस जारी किया गया।

हरियाणा में गोहत्या के खिलाफ सख्त कानून, अधिकतम 10 साल की कैद

हरियाणा में गोहत्या के खिलाफ सख्त कानून है। हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के तहत राज्य में गोवंश की हत्या का दोष साबित होने पर अधिकतम दस वर्ष की कैद और तीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने का दंड तय किया गया है। जुर्माना न भरने पर एक साल की कैद और भुगतनी पड़ेगी। इसके बावजूद कानून तोड़ने वालों को डर नहीं होता क्योंकि ऐसे मामले में कन्विक्शन रेट (दोष साबित होने की दर) बेहद कम है।

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