KAMLESH TIWARI MURDER CASE: जब कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) को गोली मारी गई तब उस वक्त मिस फायर होकर यह गोली हत्यारे के हाथ में जा लगी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बीते 18 अक्टूबर को हुई सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर अब कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। मर्डर के 2 मुख्य आरोपी 34 साल का अशफाक हुसैन शेख और 27 साल का फरीद उर्फ मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान पुलिस की गिरफ्त में हैं। गुजरात के सूरत से लखनऊ आकर हत्या करने और फिर हत्या के बाद दर-दर इनके भटकने की पूरी कहानी अब सामने आ रही है।
हत्यारे के हाथ में लगी गोली: गुजरात एटीएस (Gujrat, ATS) के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने मीडिया को बीते बुधवार (23-10-2019) को बताया कि कमलेश तिवारी पर गोली चलाने के दौरान हत्यारे का निशाना चूक गया और यह गोली मोइनुद्दीन के हाथ में जा लगी। गोली, मोइनुद्दीन के हाथ को छूकर निकल गई और उसके हाथ से काफी खून निकलने लगा।
उसी वक्त मोइनुद्दीन ने अपने हाथ को एक रुमाल से बांधा और फिर कमलेश तिवारी का गला काट दिया गया। हत्या के बाद दोनों होटल भाग गए। पेशे से मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव अशफाक ने होटल में मोइनुद्दीन के जख्मी हाथ का इलाज किया और उसकी मरहम-पट्टी की। अब पुलिस उस शख्स को तलाश रही है जिसने इन्हें बंदूक मुहैया कराया।
2,000 किलोमीटर का किया सफर: जांचकर्ताओं का कहना है कि हत्या के बाद अश्फाक और मोइनुद्दीन ने करीब 2,000 किलोमीटर तक का सफर किया। हत्या के बाद यह दोनों तीन राज्यों यूपी, दिल्ली और राजस्थान में भटक रहे थे। इतना ही नहीं ये लोग नेपाल भी गए। 2,000 किलोमीटर का यह सफर इन्होंने ट्रेन, बस और टैक्सी से की। बीते मंगलवार को गुजरात के शामलाजी से पकड़े जाने से पहले इन दोनों ने एक ट्रक ड्राइवर से लिफ्ट भी ली थी।
हत्या के बाद यह दोनों बरेली गए और यहां रेलवे स्टेशन पर ही उन्होंने एक रात गुजारी। इसके बाद वो लखीमपुर-खीरी गए और फिर यहां से नेपाल। नेपाल से लौटने के बाद यह दोनों दोबारा लखीमपुर-खीरी गए और फिर शाहजहांपुर पहुंचे। शाहजहांपुर में कुछ समय गुजारने के बाद दोनों दिल्ली और फिर अजमेर चले गए। अजमेर से ही यह दोनों गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास गए जहां से वो पकड़े गए।
कंगाल हो गए थे हत्यारे: जांच में खुलासा हुआ है कि सूरत से 17 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचने के वक्त इनके पास 20,000 रुपए थे। हत्या के बाद यह दोनों कंगाल हो गए थे और इनके पास पैसे नहीं थे। पैसे खत्म हो जाने की वजह से यह दोनों अपने परिवार वालों से आर्थिक मदद लेने की फिराक में थे।
सरेंडर करना चाहते थे हत्यारे: यह पता चला है कि हत्या के बाद यह दोनों सरेंडर करने की तैयारी में भी थे। उनके प्लान के मुताबिक सैयद असीम अली नाम के एक शख्स के जरिए यह दोनों पुलिस के सामने सरेंडर करना चाहते थे। यहां बता दें कि पुलिस ने सैयद असीम अली को नागपुर से गिरफ्तार किया था। सैयद के पकड़े जाने की वजह से हत्या के दोनों मुख्य आरोपी सरेंडर करने की योजना को आगे नहीं बढ़ा सके और उन्हें गुजरात लौटना पड़ा। (और…CRIME NEWS)
