Gurugram Crime News: गुड़गांव पुलिस ने गुरुवार को जयपुर जाकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक पत्रकार के रूप में और दूसरा एक पुलिस अधिकारी के रूप में साइबर अपराधों को अंजाम देता रहा है। साइबर धोखाधड़ी के कई मामलों में आरोप लगाने की धमकी देकर लोगों से जबरन रकम वसूलने के आरोप में पुलिस को इनकी तलाश थी। इससे पहले पुलिस ने उनके एक साथी सुनील को गिरफ्तार किया था। अपराध के दौरान सुनील ने खुद को दोनों आरोपियों का ड्राइवर बताया था।

पत्रकार और पुलिस अफसर होने के झूठे दावे, गिरोह में और लोगों के होने की आशंका

गुड़गांव पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान साइबर अपराध के लिए इस्तेमाल की गई एक कार भी जब्त की गई है। पुलिस ने खुद को पत्रकार बताने वाले 29 साल मोहित कुमार टांक और खुद को पुलिस अधिकारी बताने वाले 37 साल के देवकीनंदन की पहचान की है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि जयपुर निवासी मोहित टूरिस्ट गाइड का काम करता था। पुलिस को गिरोह में और लोगों के शामिल होने की आशंका है।

एस्कॉर्ट सर्विस के बहाने बुलाया, एक लाख नहीं देने पर जेल की धमकी

पुलिस के मुताबिक, 4 जून को एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई कि एक शख्स ने एक वेबसाइट के जरिए उससे संपर्क किया और उसे “एस्कॉर्ट सर्विस” के लिए सेक्टर 39 बुलाया। शिकायत करने वाले को कथित तौर पर एक कार में बैठने के लिए कहा गया था, और एक व्यक्ति जिसने खुद को एक पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया ने साइबर अपराध करने के लिए व्यक्ति को जेल भेजने की धमकी दी। बाद में एक अन्य व्यक्ति ने खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर उससे एक लाख रुपये की मांग की और उसे जेल भेजने की धमकी दी।

घबराए पीड़ित ने भाई के अकाउंट से अपराधियों को भेजे 50 हजार

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायत करने वाले आदमी ने घबराकर अपने भाई के खाते से 50 हजार रुपये ट्रांसफर किए। एसीपी (क्राइम) वरुण दहिया ने कहा कि सुनील को 5 जून को जयपुर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि सुनील से पूछताछ के बाद अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

एसीपी (क्राइम) वरुण दहिया ने बताया अपराधियों के काम का तरीका

एसीपी ने अपराधियों की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि आरोपियों ने इंटरनेट पर डेटिंग वेबसाइटों और जिगोलो (पुरुष एस्कॉर्ट) सेवाओं को ब्राउज़ करके अपने पीड़ितों को निशाना बनाया और वे उन्हें सर्विस के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि जालसाज विभिन्न शहरों में निकटतम पुलिस स्टेशन का पता लगा लेते थे और पीड़ित के लिए जाल बिछाए जाने के बाद देवकीनंदन पुलिस अधिकारी के रूप में थाने/चौकी के गेट के पास खड़े हो जाते थे।

फिशिंग के बढ़ते मामलों के बीच वो सावधानियां जो आपको ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बचा सकती हैं | Video

मोहित पत्रकार और देवकीनंदन पुलिस अफसर बनकर लगाता था चूना

एसीपी दहिया ने कहा, “जब पीड़ित मौके पर पहुंचा तो मोहित खुद को एक पत्रकार के रूप में पेश करता था और साइबर अपराध करने की बात कहकर उसे जेल भिजवाने की धमकी देता था। इसके अलावा वह पीड़ितों को पुलिस स्टेशन / चौकी ले जाता था, जहां देवकीनंदन इंतजार कर रहा होता था।” पुलिस ने कहा कि जालसाज एक महीने तक एक शहर में रहते थे और अपराध करने के बाद दूसरे शहर चले जाते थे।

डेटिंग वेबसाइटों और ऐप के जरिए 200 से ज्यादा वारदातों को दिया अंजाम

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ रखने वाले मोहित ने कुछ साल पहले एक पत्रकार के साथ मिलकर मुंबई में स्टिंग ऑपरेशन किया था। साल 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान वह जयपुर लौट आया। तभी से मोहित देवकीनंदन और सुनील की मदद से जबरन वसूली की योजना बना रहा था। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने विभिन्न डेटिंग वेबसाइटों और ऐप के माध्यम से दिल्ली, जयपुर, बेलगाम, मुंबई और अहमदाबाद सहित शहरों में इसी तरह के 200 से ज्यादा अपराधिक वारदात किए हैं।