सूरत की एक सत्र अदालत ने गुरुवार को फेनिल गोयानी को मौत की सजा सुनाई, जिसे अप्रैल में ग्रीष्मा वेकारिया को चाकू मारने और उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के सामने सूरत में हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने इसे दुर्लभ से दुर्लभ मामला बताते हुए निर्देश जारी किया है कि ग्रीष्मा के परिवार को मुआवजा योजना के तहत मुआवजा दिया जाए।
इस मामले में लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने कहा कि अदालत ने अपने फैसले पर पहुंचने के लिए घटना के वीडियो फुटेज, गवाहों के बयान और अन्य परिस्थितियों से जुड़े सबूतों पर भरोसा किया है। सत्र न्यायाधीश विमल कनैयालाल व्यास ने कहा कि इस मामले में सजा सुनाते और इसे ‘दुर्लभ से दुर्लभ’ मामला घोषित करने के समय अपराध की गंभीर प्रकृति और आरोपी की ओर से पश्चाताप की कमी को भी ध्यान में रखा गया है।
जबकि लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने कहा, “अदालत ने पाया कि घटना पूर्व नियोजित थी और जिस तरह से इसे अंजाम दिया गया, उससे जनता के मन में डर पैदा हो गया। ज्ञात हो कि, इसी साल 12 फरवरी को फेनिल गोयानी ने कथित तौर पर ग्रीष्मा को उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के सामने दो बार चाकू मारकर उसका गला काट दिया था।
इस घटना के दौरान बीच-बचाव में फेनिल ने कथित तौर पर मृतका के भाई ध्रुव और चाचा को भी चाकू मार दिया। फेनिल गोयानी ने कथित तौर पर ग्रीष्मा की हत्या इसलिए की, क्योंकि मृतका ग्रीष्मा ने उसके साथ रिश्ते में रहने से इंकार कर दिया था। सूरत पुलिस ने गोयानी को 16 फरवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307, 354 (डी) (आई), 342, 504 और 506 (2) के तहत गिरफ्तार किया था।
इस घटना के पांच दिनों के भीतर, पुलिस ने सूरत जिले की कठौर अदालत में 2,500 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया। चार्जशीट में 190 से अधिक गवाहों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य, वैज्ञानिक और चिकित्सा साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज शामिल थे। मामला सूरत सत्र अदालत में था, जहां मामले में त्वरित सुनवाई की जा रही थी। जिसके चलते घटना के बाद से तीन महीने से भी कम समय में दोषसिद्धि और सजा सुनाई गई है।