Air Hostess Suicide Case: एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को शायद लोग भूल चुके थे लेकिन कोर्ट के फैसले ने 11 साल पुरानी दर्दनाक कहानी को फिर से सभी के सामने ला दिया। 25 जुलाई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया है। दरअसल, गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को दिल्ली के अशोक विहार फेज III में अपने घर के अंदर सुसाइड कर लिया था। उन्होंने सुसाइड से पहले एक काली रंग की डायरी में दो नोट लिखे थे। जिसमें उन्होंने गोपाल कांडा और MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
उस वक्त गीतिका 23 साल की थीं। इसके बाद 5 अगस्त 2012 को गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोपाल कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पर मामला दर्ज किया गया था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कांडा को हरियाणा के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कांडा को 18 महीने की जेल हुई थी हालांकि मार्च 2014 में उन्हें जमानत मिल गई थी। गीतिका की मां बेटी के मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं औऱ छह महीने बाद उन्होंने भी अपनी जान दे दी थी। उन्होंने भी अपनी मौत का जिम्मेदार कांडा को ठहराया था।
बिस्तर पर पड़ी थी गीतिका शर्मा की लाश
सुसाइड की सूचना पाकर जब पुलिस 5 अगस्त 2012 को गीतिका शर्मा के घर पहुंची तो उनकी लाश बिस्तर पर पड़ी थी। पूछताछ में पता चला था कि गीतिका ने पंखे ही सहायत से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। गीतिका के पिता दिनेश कुमार के पास से काले रंग की स्पाइरल डायरी बरामद हुई थी। वह डायरी गीतिका की था। उस डायरी के दो पेज पर गीतिका ने कुछ ऐसा लिखा था जिसे पढ़ने के बाद पुलिस भी हैरान रह गई थी। एक पेज पर 4 अगस्त 2012 और दूसरे पर 4 मई 2012 लिखा था।
क्या लिखा था सुसाइड नोट में
गीतिका ने सुसाइड करने की वजह गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को बताया था। उसने लिखा था कि आज मैं खुद को खत्म कर रही हूं। मैं अंदर से टूट गई हूं। मेरे साथ विश्वासघात हुआ है। मेरा भरोसा टूटा है। मैं ठगा हुआ महसूस कर रही हूं। मुझे धोखा दिया गया है। मेरी मौत के जिम्मेदार गोपाल कांडा और अरुणा अरुणा हैं। दोनों ने मेरी जिंदगी के साथ खेला। मेरा विश्वास तोड़ा और अपने फायदे के लिए मेरा यूज किया। दोनों ने मुझे बर्बाद कर दिया। अब ये लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचान की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
गीतिका की कांडा से मुलाकात कैसे हुई?
गोपाल कांडा ने रेडियो रिपेयर की दुकान से अपने बिजनेस करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होने भाई के साथ मिलकर जूते की दुकान खोली। दुकान चली तो जूते की फैक्ट्री खोल ली फिर MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की। जो बाद में विवाद के कारण बंद हो गई हालांकि तब तक कांडा के पास ऐसी 40 कंपनियां थीं। कांडा इन कंपनियों में लड़कियों को नौकरी दे रहे थे। इसी दौरान गीतिका की कांडा से मुलाकात हुई। इस समय तक कांडा एक रियल स्टेट के व्यापारी बन गए थे। उन्होंने राजनीति में पकड़ बनानी शुरू कर दी थी।
गीतिका 3 साल में बनी डायरेक्टर
गीतिका कांडी की कंपनी में केबिन क्रू मेंबर से नौकरी की शुरुआत की थी। इसके बाद वह रूकी ही नहीं और एयरहोस्टेज का सफर तय करते हुए तीन सालों में डायरेक्टर की कुर्सी तक पहुंच गई। वह दिन रात तरक्की कर रही थी क्योंकि उस पर कांडा की मेहरबानी थी। हालांकि दो सालों के बाद गीतिका कांडा से दूर चली गई और दुबई में नौकरी करने लगी। रिपोर्ट के अनुसार, कांडा उसे दिल्ली लाने के लिए खुद दुबई गए थे। गीतिका ने आने से मना किया तो उसे फर्जी दस्तावेज के मामले में फंसाने की कोशिश की गई। गीतिका के दुबई वाले कंपनी में फर्जी मेल भेजे गए। गीतिका को आखिरकरा हार मानकर दिल्ली आना पड़ा। इसके बाद वह फिर से एमडीएलआर ग्रुप ऑफ कंपनीज में निदेशक के रूप में काम करने लगी। हालांकि बाद में उसने रिजाइन दे दिया औऱ पत्राचार के माध्यम से अपनी स्नातक की पढ़ाई पर ध्यान देने लगी। हालांकि आरोप लगा था कि उस समय भी उसे परेशान किया जा रहा था।
कांडा का फोन आते ही परेशान हो जाती थी गीतिका
मां अनुराधा ने कांडा पर आरोप लगाया था कि फोन आते की गीतिका तनाव में आ जाती थी। वह फोन पर नहीं आना चाहती थी। उसने कंपनी से रिजाइन कर दिया था औऱ एमबीए की पढ़ाई पर ध्यान दे रही थी मगर कांडा और अरुणा चड्ढा उसे लगातार परेशान कर रहे थे औऱ कंपनी ज्वाइन करने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे।
कांडा के फोन के बाद सुसाइड करने का आरोप
गीतिका की मां अनुराधा ने यह भी आरोप लगाया था कि कांडा ने उन्हें फोन कर कहा था कि कुछ पेपर पर साइन करने के लिए उसे कंपनी जाना की पड़ेगा। वरना इसके खिलाफ हरियाणा पुलिस एक्शन लेगी। उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा। उस वक्त गीतिका अपने भाई के फैशन शो में भाग लेने के लिए मुंबई से आई थी। मां ने जब गीतिका यह बताया को वह सुनकर टेंशन में आ गई औऱ कमरे में चली गई। इसके बाद 5 अगस्त 2012 को अपने कमरे में फांसी के फंदे से झूलती हुई मिली। उस वक्त गातिका की मां ने कहा था कि कांडा और अरुणा उसको मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
12वीं पास कैसे बनी कंपनी की डायरेक्टर
जांच में यह बात सामने आई थी कि 12 वीं पास करने के बाद छोटी सी नौकरी से शुरुआत करने वाली गीतिका कांडा के पास कोई प्रोफेशनल डिग्री नहीं थी। उसके पास एंयरलाइंस या होटल मैनेजमेंट की डिग्री नहीं था। काम करने का कोई अनुभव नहीं था फिर भी उसे तेजी से प्रमोशन मिला औऱ वह सीधे डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठ गई। ये बातें किसी अनहोनी की तरफ संकेत कर रही थीं। इतना ही नहीं वह सीधे कांडा को रिपोर्ट करती थी। उसने बहुत तेजी से तरक्की की थी और शुरुआत में उसे 6 महीने के अंदर ही प्रमोशन मिल गया था।
कांडा और अरुणा पर क्या आरोप लगे थे
गीतिका सुसाइड केस मामले में गोपाल और अरुणा पर 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। ट्रायल कोर्ट ने कांडा के खिलाफ बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत आरोपों को खारिज कर दिया। यह भी रिपोर्ट सामने आई थी कि मामले का मुख्य गवाह चैनशिवरूप सिंह नायर यूएस भाग गया।
कोर्ट ने किया बरी
अब इस मामले में 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया। फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कहा कि अभियोजन पक्ष सभी संदेह से परे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।