आज बात देश के नामी उद्योगपति और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक गौतम अडानी की। गौतम अडानी के जीवन के बारे में लगभग सभी लोगों को पता है, लेकिन आज हम उस किस्से के बारे में बताएंगे जिसमें उन्हें किडनैप कर लिया गया था। फिर फिरौती की भारी-भरकम रकम लेकर उन्हें छोड़ दिया गया था। इस किडनैपिंग का आरोप अंडरवर्ल्ड डॉन फजल-उर रहमान उर्फ फजलू पर लगा था।
स्कूटर से रुकवाई कार, वैन में ले गए: साल 1997 में गौतम अडानी, शांतिलाल पटेल के साथ कर्णावती क्लब से अपनी कार से निकल थे। इसके बाद उनकी कार मोहम्मदपुरा रोड की ओर मुड़ गई। कुछ दूर का सफर तय करने के बाद एक स्कूटर ने जबरदस्ती उनकी गाड़ी रुकवाई। फिर चंद मिनटों में कई लोग वैन से वहां पहुंचे और बंदूक की नोंक पर दोनों को किडनैप कर किसी अनजान जगह पर ले जाया गया।
15 करोड़ की मांगी थी फिरौती: हालांकि, गौतम अडानी ने सार्वजानिक जीवन में इस वाकये को कभी साझा नहीं किया। लेकिन लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि उनका जीवन कब-कब संकट में पड़ा है। बताया जाता है कि अडानी को छोड़ने के बदले में 15 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। फिर रकम मिलने के बाद अदानी और पटेल को छोड़ दिया गया था।
मुंबई हमले के दौरान होटल ताज में थे अडानी: अडानी ने बातचीत में बताया कि पहला वाकया उनके अपहरण से संबंधित है, जबकि दूसरी घटना मुंबई हमले 2008 से जुड़ी है। गौतम अडानी के मुताबिक, ताज पर हमले के दौरान वह होटल के अंदर मौजूद थे। हालांकि, उन्हें इस हमले में किसी भी तरह का नुकसान नहीं पंहुचा था। बताया जाता है कि अडानी की किडनैपिंग के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ फजलू रहमान का हाथ था।
आरोपी हो गए थे बरी: अडानी की किडनैपिंग का मामला जब कोर्ट में गया तो अहमदाबाद की एक अदालत के तत्कालीन सत्र न्यायाधीश डीपी गोहिल ने फजल-उर-रहमान और भोगीलाल दर्जी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। वहीं, समन जारी होने के बाद भी अडानी कभी इस मामले में गवाही देने अदालत नहीं पहुंचे थे। इस किडनैपिंग से जुड़े नौ आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया था। इसके अलावा, जांच अधिकारियों सहित गवाहों ने स्पष्ट रूप से गवाही नहीं दी कि वास्तव में क्या हुआ था।