पश्चिम यूपी के कुख्यात गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हत्यारा वकील के भेष में आया था। संजीव जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी था। उसका नाम तब उछला जब बीजेपी के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्यकांड में उसका नाम आया। वही ब्रह्मदत्त द्विवेदी जिन्होंने गेस्ट हाउस कांड में यूपी के पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती की रक्षा की थी।

गैंगस्टर संजीव के बारे में कहा जाता है कि इसने कंपाउंडर से गैंगस्टर बनने का सफर तय किया है। इसने मालिक दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। चलिए जानते हैं कि संजीव जीवा का नाम ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में कैसे सामने आया था?

90 के दशक में ब्रह्मदत्त द्विवेदी का नाम सबकी जुबां पर था

90 के दशक में बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी तेजी से उभरे थे। उनका नाम सबकी जुबां पर था। तीन सालों के अंदर ही देश के बड़े-बड़े नेता उनके करीबी हो गए। किस्से सुनाए जाते हैं कि मुलायम सिंह जैसे दिग्गज भी उनके कारण अपनी सीट बदल ली। उन्हें प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री माना जा रहा था।

कैसे हुई ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्या

एक सर्द रात को उनकी हत्या कर दी गई। इनके हत्या में जीवा का नाम सामने आया था। जिसमें बाद में जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। असल में 1997 की 10 तारीख को ब्रह्मदत्त द्विवेदी एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कार से जा रहे थे कि तभी बाइक सवार कुछ बदमाश हथियार से लैश होकर वहां पहुंचे और बिना उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कार के अंदर बैठे नेता कुछ समझ पाते कि पल भर में ही गाड़ी को गोलियों से छलनी कर दिया गया।

ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने रिस्क लेकर मायावती को बचाया था

2 जून 1995 को बसपा सुप्रीमो मायावती एक हादसे का शिकार होने वाली थीं। उस समय तत्कालीन भाजपा विधायक-पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने उन्हें बचाया था। उस वक्त मायावती लखनऊ में मीराबाई स्टेट गेस्ट हाउस में थीं। लोगों की भीड़ ने गेस्ट हाउस को घेर रखा था। लोग चारों तरफ से हंगामा कर रहे थे। भीड़ में सपा के कई चेहरे जुड़े थे। उनके साथ पुलिस भी मूकदर्शक बनी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद को कमरे में बंद कर रखा था। कई लोग दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। उसी वक्त मौके पर पहुंचे बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने अपने ऊपर रिस्क अकेले भीड़ से लड़ गए थे। उन्होंने उस वक्त बसपा सुप्रीमो मायावती को बचाया था।