पंजाब के अमृतसर जिले में गैंस्टर जरनैल सिंह उर्फ ‘जैली’ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना सठियाला गांव में हुई। जहां गोपी घनश्याम पुरिया से जुड़े चार नकाबपोशों ने जरनैल सिंह पर तब तक ताबड़तोड़ फायरिंग की जब तक की उसकी मौत नहीं हो गई। हमलावरों ने उस पर करीब 15 मिनट कर 24 गोलियां चलाई। घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। गौरतलब है कि गैंस्टर जरनैल सिंह गोपी घनश्यामपुरिया गैंग का सदस्य था। वह दिल्ली और हरियाणा में हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में वांछित था। उस पर एक लाख का इनाम था।
भागने में आगे रहता था जैली
2016 में जेली ने हरियाणा में अपने सहयोगी जितेन्द्र उर्फ गोगी के साथ मिलकर पुलिस टीम पर फायरिंग की थी। 2017 में पुलिस ने हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप बरामद कर जितेंद्र उर्फ गोगी को तो मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया मगर उस वक्त जरनैल सिंह उर्फ जैली भागने में सफल रहा था।
2017 में पकड़ में आया था जेली
इसके बाद 2017 में ही पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने साथियों के साथ उत्तराखंड इलाके में घूम रहा था। इस सूचना पर स्पेशल टीम उत्तराखंड पहुंची और थाना नानकमत्ता में छापा मारा। जैली को समझ आ गया था कि पुलिस ने उसे घेर लिया है। वह घर में से बाहर निकल कर खुले मैदान में भागना लगा। पुलिस ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा तो वह पुलिस पर गोलियां बरसाने लगा। जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उस पर फायरिंग की, जिसमें वह घायल हो गया और पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
ऐसे शुरू हुई ‘जैली’ की कहानी
असल में जरनैल सिंह ‘जैली’ गोगी गैंग का शार्प शूटर था। जिस पर दिल्ली और हरियाणा में हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई मामले दर्ज थे। जैली की दिल्ली के ताजपुर गांव के सुनील उर्फ टिल्लू के नेतृत्व वाले एक गिरोह से दुश्मनी थी। गोगी और टिल्लू गिरोह के बीच दुश्मनी 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ कॉलेज चुनाव के दौरान शुरू हुई थी। इस खूनी गिरोह के बीच दुश्मनी के कारण कई मर्डर और जवाबी हत्याएं हुई थीं।
दिनदहाड़े वारदात को देता था अंजाम जेली
जेली ने 2016 में अपने सहयोगी जितेंद्र के साथ मिलकर हरियाणा पुलिस कर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। उस वक्त हरियाणा पुलिस ने जैली की कार को रोककर चेक करने की कोशिश की थी। उस वक्त गोगी गिरफ्तार हो गया था मगर जेली भागने में कामयाब रहा था।
इतना ही नहीं 2025 में जेली ने जितेंद्र उर्फ गोगी, कुलदीप मान उर्फ फज्जे और योगेश उर्फ टुंडा के साथ मिलकर आदर्श नगर बस स्टैंड के पास दीपक उर्फ राजू पर फायरिंग कर दी। हमले में राजू की मौके पर ही मौत हो गई थी। आरोपी कुलदीप मान उर्फ फज्जे, योगेश उर्फ टुंडा और जितेन्द्र उर्फ गोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बार भी जेली गिरफ्तारी से बच गया। इसके बाद गोगी भी पुलिस हिरासत से फरार हो गया।
इसके पहले अप्रैल 2014 में वांछित अपराधी जितेन्द्र उर्फ गोगी के निर्देश पर जैली ने अपने साथियों योगेश उर्फ टुंडा, मोनू मान, गुलशन भारद्वाज उर्फ गुल्लू, कुलदीप मान उर्फ फज्जे और दिग्विजय सरोहा के साथ विकास उर्फ अलो पर फायरिंग कर दी थी। उस वक्त भी जैली भागने में कामयाब रहा।
इसके अलावा जैली ने 2013 में अपने साथियों योगेश उर्फ टुंडा, मोनू मान, गुलशन भारद्वाज उर्फ गुल्लू और कुलदीप मान उर्फ फज्जे के साथ मिलकर सुरेश मान को दिल्ली के अलीपुर में छोटा शिव मंदिर के पास लाठियों से हमला कर दिया था। जेली इसी तरह के कई अन्य मामलों में वांछित था।