गुजरात के सूरत से सामने आए एक मामले में पुलिस मुख्यालय के शेल्टर होम में रखी गई चार बांग्लादेशी महिलाएं भाग निकली। पुलिस ने बताया है कि यह महिलाएं करीब पांच साल पहले गुजरात आई थी। हालांकि, उनके भागने के बाद पूरे पुलिस अमले में हड़कंप मचा हुआ है। महिलाओं के भाग निकलने के संदर्भ में कामरेज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस के मुताबिक, भाग निकली महिलाओं की तस्वीर पड़ोसी जिलों के पुलिस स्टेशनों में भी भेज दी गई हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

जानकारी के मुताबिक, सूरत पुलिस मुख्यालय के शेल्टर होम में रखी गई चारों महिलाएं पुलिस द्वारा पकड़े जाने से पहले पांच साल से सूरत जिले के अलग-अलग हिस्सों में रह रही थीं। पूछताछ में उन्होंने बताया था कि, उनके मूल स्थान पर आर्थिक हालात खराब होने के चलते गुजरात आई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरार चार महिलाओं की पहचान दीया हसरत विश्वास (20), सुमैया उर्फ ​​रूपाली शेख (21), लुबनीबेगम मुल्ला (22), हसीना मुल्ला (20) के रूप में हुई है। इन चारों महिलाओं को सूरत पुलिस ने 14 अगस्त, 2021 को कामरेज तालुका के खोलवाड़ गांव के एक घर से पकड़ा था। हिरासत में लिए जाने के बाद जब पुलिस ने उनके दस्तावेज मांगे थे तो वह वैध प्रमाण नहीं दे पाई थी।

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद उन्हें कामरेज में पुलिस मुख्यालय में एक शेल्टर होम भेज दिया गया था। ये चारों महिलाएं शुक्रवार शाम को पुलिस मुख्यालय से भाग निकली। जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी साझा की थी। एसओजी के पुलिस निरीक्षक एमएम गिलाटर ने कहा, सभी चार महिलाएं पुलिस द्वारा पकड़े जाने से पहले पांच साल से सूरत जिले के कोलवाड़ और सूरत शहर में रह रही थीं।

पुलिस निरीक्षक एमएम गिलाटर के मुताबिक, उन्होंने पुलिस के सामने कबूल किया था कि वे पैसे कमाने के लिए गुजरात आई थी; क्योंकि बांग्लादेश में उनके इलाके में काम नहीं था। एमएम गिलाटर ने आगे बताया कि यह महिलाएं सूरत में अलग-अलग नौकरियां कर रही थी।

पुलिस निरीक्षक एमएम गिलाटर ने बताया कि, महिलाओं ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि शुरुआत में वह सूरत शहर में रह रही थी, लेकिन गिरफ्तारी के डर से वह खोलवाड़ इलाके में रहने लगी थी। उन्होंने कहा कि, कार्रवाई के तौर पर भागी महिलाओं की तस्वीरें पड़ोसी जिलों और सूरत शहर के पुलिस थानों में भेज दी गई हैं। साथ ही हम उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया पर भी काम कर रहे हैं।