Bengaluru Subhash Atul Suicide Case: मूल रूप से यूपी के रहने वाले अतुल सुभाष मोदी के बेंगलुरु स्थित घर में आत्महत्या करने के बाद विवाद शुरू हो गया है। घटना ने देशभर में भारतीय कानून प्रणाली में जेंडर न्यूट्रल कानून की मांग को जन्म दे दिया है। साथ की वैवाहिक विवादों में कोर्ट कचहरी की कार्य प्रणाली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।

निकिता सिंघानिया ने दर्ज कराए थे कुल 9 केस

बता दें कि पत्नी पर उत्पीड़न और वसूली का आरोप लगाकर दुनिया को अलविदा कहने वाले अतुल सुभाष के खिलाफ जौनपुर की रहने वाली पत्नी निकिता सिंघानिया ने कुल 9 केस दर्ज कराए थे। इन में आठ उन्होंने ये दलील देते हुए वापस ले लिए थे कि उन्हें इन केस के संबंध में जानकारी नहीं थी। ये उनके वकील ने दायर किए थे।

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हालांकि, वो आखिरी केस जिसकी सुनवाई अभी भी लंबित है में अतुल के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे, इस खबर में हम आपको इस संबंध में जानकारी देंगे।

आजतक के अनुसार निकिता ने साल 2022 में 24 अप्रैल को पति के खिलाफ जौनपुर कोतवाली में क्राइम नंबर 115/2022 पर आईपीसी की धारा 498/ 323/ 504/ 506 और 3/4 दहेज प्रथा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में अतुल सुभाष, उनकी मां अंजू देवी, पिता पवन मोदी और छोटे भाई विकास मोदी को भी नामजद किया गया था।

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निकिता ने अपने इस प्राथमिकी में बताया कि 26 अप्रैल 2019 को अतुल और उनकी शादी वाराणसी के हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल से हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शादी के बाद अतुल और उनके परिवार ने दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और 10 लाख रुपये देने का दबाव बनाने लगे।

यौन रिश्तों में हैवानियत का लगाया आरोप

निकिता ने आरोप लगाया कि पति शराब के नशे में उसे मारता-पीटता है। यौन रिश्तों में हैवानियत करता है। उसकी सैलरी भी अपने अकाउंट में ट्रांस्फर करा लेता है। प्राथमिकी में कहा गया कि 16 अगस्त 2019 को उसके सास और ससुर जौनपुर स्थित उसके मायके पहुंचे और उसके परिजनों दस लाख रुपये मांगे।

प्राथमिकी में कहा गया कि इस मांग के कारण 17 अगस्त 2019 को सदमे से उसके पिता की जान चली गई। लोगों के समझाने पर अतुल पत्नि निकिता को अपने साथ बेंगलुरु ले गया। इस दौरान उसकी मां भी साथ थी। हालांकि, 17 मई,2021 को उसने दोनों के साथ मारपीट कर उन्हें फ्लैट से निकाल दिया।

मां और बेटे के साथ अपने मायके जौनपुर आ गई

जौनपुर में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि घर से निकाले जाने के बाद निकिता ने स्थानीय थाना पुलिस की मदद से अपने कागजात और कपड़े घर से लिए और अपनी मां और बेटे के साथ अपने मायके जौनपुर आ गई।

पुलिस थाना में उक्त FIR दर्ज कराने के बाद वो कोर्ट भी गई और अपने और बच्चे के लिए प्रति माह 2 लाख गुजारा भत्ता का केस भी फाइल कर दिया। हालांकि, निकिता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में खंडण किया है। उसने दलील और सबूत के साथ सारे आरोपों को झूठा बताया है।