दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को सरकारी अधिकारियों को फर्जी ईमेल की लहर के खिलाफ चेतावनी जारी की है। फर्जी मेल में दावा किया गया था कि उनके कंप्यूटर सिस्टम पर बाल अश्लीलता पाई गई है और अगर उन्होंने 67 लाख रुपये नहीं चुकाए तो उन्हें ‘राष्ट्रीय यौन अपराधी’ रजिस्टर में शामिल किया जाएगा। नए जबरन वसूली घोटाले ने धमकी भरे ईमेल के जरिए कम से कम सौ जीएसटी, सीमा शुल्क और मंत्रालय के अधिकारियों समेत अन्य सार्वजनिक लोगों को निशाना बनाया है।
इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस ने सफाई दी, ईमेल को बताया फर्जी
डीसीपी इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) प्रशांत कुमार गौतम के नाम से ईमेल होने के बाद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में अफरा-तफरी मच गई। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने गुरुवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें कहा गया कि डीसीपी घोटाले में शामिल नहीं थे और सारे ईमेल फर्जी थे और “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से बनाए गए थे।
डीसीपी प्रशांत कुमार गौतम के प्रेस नोट में बताया- उचित उपाय किए जा रहे
डीसीपी गौतम के प्रेस नोट में लिखा है, “इस इकाई को “पुलिस दीक्षांत समारोह” विषय वाले नकली ईमेल के प्रसार के प्रति सचेत किया गया है। ये ईमेल भारतीय पुलिस लोगो, राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग करता है और गलत तरीके से अधोहस्ताक्षरी (डीसीपी गौतम) के नाम और इस इकाई के विवरण के साथ जुड़ा हुआ है। ये भ्रामक ईमेल विभिन्न सरकारी कार्यालयों में प्रसारित किए जा रहे हैं…इसके खिलाफ उचित उपाय किए जा रहे हैं…।” आरोपियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
अभी तक किसी भी पीड़ित से जबरन वसूली नहीं की गई- दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल
स्पेशल सेल ने कहा कि डीसीपी के नाम का उपयोग करके धमकी भरे ईमेल भेजने के लिए 5-6 से अधिक ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया गया था। एक अधिकारी ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, “आरोपी ने बेतरतीब ढंग से उत्पाद शुल्क विभाग, जीएसटी अधिकारियों और मंत्रालय के अधिकारियों को चुना। … मकसद लोगों को डराकर खेलना और पैसे ऐंठना है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार सौभाग्य से, अभी तक किसी भी पीड़ित से जबरन वसूली नहीं की गई है। हमें नहीं पता कि कितने लोगों को ईमेल प्राप्त हुआ।”
ईमेल में कहा गया है कि आईएफएसओ यूनिट ने पीड़ित को तलब किया
इंडियन एक्सप्रेस ने ईमेल की प्रतियां देखीं जिनमें डीसीपी गौतम का नाम और पदनाम ‘अधोहस्ताक्षरी’ और प्रेषक के रूप में दिखाया गया है। ईमेल में कहा गया है कि आईएफएसओ यूनिट ने पीड़ित को बुलाया है, अगर वह जवाब देने में विफल रहा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ईमेल के साथ भारतीय पुलिस लोगो वाला एक पत्र संलग्न किया गया है।
कंप्यूटर इंटरनेट ब्राउजिंग हिस्ट्री से बाल अश्लीलता और बलात्कार का जिक्र
पत्र में अधिकारियों को धमकी दी गई है कि उनके कंप्यूटर इंटरनेट ब्राउजिंग हिस्ट्री से बाल अश्लीलता और बलात्कार वाली सामग्री (कंटेंट) वाली साइटों पर क्लिक करने का पता चलता है। यह निशाना बनाए गए अधिकारियों को 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश देता है। वर्ना उन्हें यौन अपराधियों के रजिस्टर में पंजीकृत करने और उनके नाम लीक कर दिए जाने की धमकी दी जाती है।